MP बना कोरोना का Hot Spot- ओमिक्रॉन के दो नई सब-लाइनिज का खुलासा, – सतर्कता का अलर्ट!  

इंदौर में कोरोना की फिर हलचल मची है! ओमिक्रॉन वैरिएंट की दो नई सब-लाइनिज – XF.G और LF.7.9 – की पुष्टि हुई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। हाल ही में पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजे गए सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट ने यह जानकारी उजागर कर दी है कि इंदौर इस वक्त मध्य प्रदेश का हॉटस्पॉट बना हुआ है – यहां अब तक 21 केस सामने आ चुके हैं, जो पूरे राज्य में सबसे ज्यादा हैं। पूरे MP में कोरोना के कुल 30 मामले हैं। मंगलवार को भी शहर में एक नया मामला दर्ज किया गया

जीनोम मशीन है, पर चल नहीं रही!
इंदौर में जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन मौजूद है, लेकिन वो अभी तक शुरू नहीं की गई है। इसका नतीजा यह है कि रिपोर्ट आने में 15 दिन तक की देरी हो रही है। जिससे कोरोना मरीज कई लोगों के संपर्क में आने की संभावनी बनी रहती है। यहीं विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मशीन चालू हो जाए, तो वैरिएंट की पहचान और तेज़ी से हो सकती है।

मौसम का असर और बढ़ती सर्दी-जुकाम
स्वास्थ्य विभाग ने एडवाईजरी भी जारी कि हैकि मौसम में बदलाव के कारण भी श्वसन से जुड़ी बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। इन नई सब-लाइनिज में भी वही सामान्य लक्षण  जैसे खांसी, हल्का बुखार, गले में खराश, शरीर में दर्द भी देखने को मिल रहा हैं। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि नया वैरिएंट घातक नहीं है। लेकिन बुजुर्गों, बच्चों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को इस वैरिएंट से सावधानी बरतनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मास्क पहनें, भीड़भाड़ से बचें और अपना ध्यान रखें। यहीं ऑक्सफोर्ड नैनोपोर सीक्वेंसिंग टेक्नोलॉजी के जरिए मिली रिपोर्ट में बताया गया है कि सात पॉजिटिव मरीजों में से पांच में नई सब-लाइनिज की पहचान हुई है। अच्छी बात ये है कि अभी तक किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है। इंदौर ने पहले भी कोरोना को हराया है, और इस बार भी – सतर्कता और जागरूकता से – हम इस चुनौती को पार कर सकते हैं।