इंदौर: काले हिरण शिकार के वीडियो देख कोर्ट ने कहा- ‘मूक प्राणियों के हत्यारों को जमानत नहीं’, आरोपी सलमान की याचिका खारिज

Indore News : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने काले हिरण के शिकार से जुड़े एक मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने शिकार के वीडियो देखने के बाद आरोपी सलमान की जमानत याचिका खारिज कर दी। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ ने इस दौरान सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि मूक प्राणियों को मारने वालों को जमानत का अधिकार नहीं दिया जा सकता।

यह मामला पिछले साल महू में हुई एक कार्रवाई से जुड़ा है। तब वन विभाग ने एक संदिग्ध इनोवा कार को रोककर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। कार की तलाशी में 65 किलो मांस बरामद हुआ था, जिसकी फॉरेंसिक जांच में काले हिरण का मांस होने की पुष्टि हुई थी। बता दें कि काला हिरण एक संरक्षित और विलुप्तप्राय प्रजाति है।
कोर्ट में पेश किए गए शिकार के वीडियो
सुनवाई के दौरान आरोपी सलमान की ओर से जमानत याचिका दायर की गई थी। इस पर अभियोजन पक्ष और विश्नोई समाज के वकीलों ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कोर्ट के सामने आरोपियों के जब्त मोबाइल फोन से मिले वीडियो और तस्वीरें पेश कीं। इन वीडियो में आरोपी बेरहमी से काले हिरण का शिकार करते हुए दिखाई दे रहे थे। सबूतों से यह भी सामने आया कि यह एक संगठित गिरोह है जो देश के अलग-अलग जंगलों में अवैध शिकार को अंजाम देता है।
विश्नोई समाज ने किया था जमानत का कड़ा विरोध
इस मामले में विश्नोई समाज ने जमानत का पुरजोर विरोध किया। समाज की ओर से अधिवक्ता मनीष यादव और पंडित करण बैरागी ने दलीलें पेश कीं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि काला हिरण विश्नोई समाज के लिए पूजनीय है और उनकी आस्था का प्रतीक है। वकीलों ने तर्क दिया कि आरोपी लंबे समय से इस तरह के अपराधों में लिप्त हैं और उनके खिलाफ अवैध हथियार रखने के भी पुख्ता सबूत हैं।

सभी पक्षों की दलीलों, पेश किए गए वीडियो सबूतों और मामले की गंभीरता को देखते हुए जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की पीठ ने आरोपी सलमान को जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट का यह फैसला वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।