स्वतंत्र समय, इंदौर
लगभग 75 करोड़ रुपए की लागत से नायता मुंडला में आकार ले रहे अन्तरराज्यीय बस स्टैंड ( Interstate Bus Stand ) का काम लगभग पूरा हो गया है। अब इस बस स्टैंड शुरू करने का समय आ गया है। इंदौर विकास प्राधिकरण इस प्रारंभ करने के लिए तैयारी कर रहा है। बस स्टैंड परिसर में फिनिशिंग का कार्य बचा है तथा कुछ तकनीकी समस्या के कारण काम रुका हुआ है। बताया गया है की दशहरा और दीपावली के बीच बस स्टैंड को प्रारंभ कर दिया जाएगा। कुमेडी में एमआर-10 ब्रिज के पास 35 एकड़ जमीन पर आकार ले रहे इस बस टर्मिनल को एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया जा रहा है। आईडीए के अफसरों के मुताबिक आईएसबीटी से महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान खंडवा-खरगोन, नेमावर रोड पर चलने वाली 200 से ज्यादा बसें संचालित होंगी। बस स्टैंड में पूरे क्षेत्र में पांच हजार वर्गफीट का शेड, सामने की ओर दुकानें, दुकानों के ऊपर कार्यालय, टॉयलेट ब्लॉक, बुकिंग ऑफिस आदि बनाए गए हैं। आईएसबीटी के सामने आरई-2 भी बनना है। इससे नेमावर रोड और बस स्टैंड को जोड़ा जाएगा। यह पूरी तरह से एयरकंडीशन होगा। विकास प्राधिकरण (आईडीए) द्वारा बस टर्मिनल के निर्माण के दौरान हरियाली व पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
Interstate Bus Stand से 40 हजार यात्रियों को हर दिन मिलेगा फायदा
आईएसबीटी के अन्तरराज्यीय बस स्टैंड ( Interstate Bus Stand ) में एक ही छत के नीचे यात्रियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध होने का दावा अधिकारियों ने किया है। इस बस टर्मिनल के जरिए इंदौर से अन्य प्रदेशों में यात्रा करने वाले लगभग 40 हजार यात्री प्रतिदिन लाभान्वित होंगे। 14 सौ बसों के हर दिन आवागमन की क्षमता वाला यह बस टर्मिनल पूर्णत: वातानुकूलित एवं एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया जा रहा है। इस बस टर्मिनल पर पार्किंग के साथ ही दुकान, रेस्टोरेंट, एटीएम पुलिस चौकी, फायर ब्रिगेड एवं इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन, क्लॉक रूम आदि के साथ ही यात्री और बस चालकों के लिए अलग से प्रतीक्षालय की व्यवस्था रहेगी।
लेट लतीफी के कारण प्रोजेक्ट कॉस्ट में इजाफा
इस अंतरराज्यीय बस टर्मिनल का निर्माण 2020 के दरम्यान शुरू किया गया था। इसका निर्माण दो साल के भीतर हो जाना था। लेकिन सुस्त काम के चलते दो के बजाय चार साल लग गए। निर्माण में दोगुना समय लगाने से इसकी लागत भी बढ़ गई। जानकारी के अनुसार पहले 20 एकड़ में बस टर्मिनल का निर्माण होना था तब इसकी लागत 60 करोड़ के आसपास आंकी गई थी। बाद में इसे 35 एकड़ में बनाने का निर्णय लिया गया जिसके चलते इसकी लागत 100 करोड़ रुपए के पार पहुंच गई है।
बस से उतरने के बाद मिल जाएगी मेट्रो
आईएसबीटी में आने वाले यात्रियों को मेट्रो रेल का भी फायदा मिलेगा। एमआर-10 ब्रिज के पास ही मेट्रो स्टेशन का निर्माण हो रहा है जिससे अन्य प्रदेशों से इंदौर आने वाले यात्री अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंच सकेंगे और शहर के दूर-दाराज के इलाकों से भी नए बस स्टैंत तक पहुंचने में आसानी होगी।
प्रदेश का पहला एयर कंडीशनर बस टर्मिनल
आईएसबीटी का निर्माण 90फीसदी हो गया है। कोशिश है कि इसे जल्द ही शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। यह बस टर्मिनल प्रदेश का पहला एयरकंडीशनर टर्मिनल होगा। सीइओ अहिरवार के अनुसार इसके बन जाने से इंदौर शहर में वर्षों पुरानी अंतर राज्य बस टर्मिनल की मांग पूरी हो सकेंगी और इंदौर को परिवहन के क्षेत्र में बड़ी व महत्वपूर्ण सौगात मिलेगी। बस टर्मिनल में हरियाली व पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा गया है। परिसर व आसपास 10 हजार से ज्यादा पेड़ लगाए जा रहे है।