इंदौर के खजराना गणेश मंदिर की दान पेटियों से निकला खजाना, 1 करोड़ 37 लाख रुपये नगद समेत विदेशी मुद्रा और जेवर मिले

इंदौर के विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में दान पेटियों की गिनती का काम पूरा हो गया है। भगवान गणेश के चरणों में भक्तों ने दिल खोलकर दान दिया है। मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा कराई गई इस गणना में कुल 1 करोड़ 37 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई है। यह प्रक्रिया पिछले 19 दिनों से लगातार चल रही थी।

मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार, दान पेटियों से न केवल भारतीय मुद्रा बल्कि विदेशी करेंसी और सोने-चांदी के आभूषण भी बड़ी मात्रा में मिले हैं। गिनती के अंतिम दिन तक कुल राशि का आंकड़ा सवा करोड़ के पार पहुंच गया। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी सीसीटीवी कैमरों और अधिकारियों की मौजूदगी में की गई ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

19 दिनों तक चली नोटों की गिनती

खजराना गणेश मंदिर की दान पेटियों को खोलने का काम करीब तीन सप्ताह पहले शुरू हुआ था। इस काम में मंदिर समिति के कर्मचारियों के साथ-साथ नगर निगम और बैंक के कर्मचारियों ने भी सहयोग दिया। हर दिन पेटियों से निकले नोटों और सिक्कों की गिनती की जाती थी और उसे बैंक में जमा कराया जाता था।

समिति के अधिकारियों ने बताया कि दान में नगदी के अलावा सोने और चांदी के आभूषण भी मिले हैं। इसके साथ ही, कई देशों की विदेशी मुद्रा भी दान पेटियों से निकली है, जो यह दर्शाती है कि भगवान गणेश के भक्त देश-विदेश में फैले हुए हैं।

ऑनलाइन दान और अन्य माध्यम भी शामिल

हालांकि यह गणना केवल मंदिर परिसर में रखी गई दान पेटियों की है, लेकिन मंदिर को ऑनलाइन माध्यमों और कार्यालय में सीधे जमा की गई रसीदों से भी बड़ा दान मिलता है। त्योहारों और विशेष अवसरों पर यह राशि और भी अधिक बढ़ जाती है।

उल्लेखनीय है कि खजराना गणेश मंदिर मध्य प्रदेश के सबसे धनी मंदिरों में गिना जाता है। यहां हर साल करोड़ों रुपये का चढ़ावा आता है, जिसका उपयोग मंदिर के विकास कार्यों, अन्नक्षेत्र और अन्य सामाजिक कार्यों में किया जाता है।

पहले भी निकल चुका है करोड़ों का खजाना

यह पहली बार नहीं है जब मंदिर की दान पेटियों से इतनी बड़ी राशि मिली हो। इससे पहले भी जब गणना की गई थी, तब भी करोड़ों रुपये का दान प्राप्त हुआ था। पिछली बार की गणना में भी भक्तों ने मुक्त हस्त से दान दिया था, जिसमें सोने-चांदी के छत्र और आभूषण शामिल थे। मंदिर प्रबंधन समय-समय पर पेटियों को खोलकर राशि की गणना करता है और उसे विधिवत बैंक खातों में जमा करता है।

इस बार प्राप्त हुई 1 करोड़ 37 लाख रुपये की राशि को मंदिर के बैंक खाते में जमा करा दिया गया है। मंदिर प्रशासक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पूरी प्रक्रिया के सुचारू रूप से संपन्न होने पर संतोष व्यक्त किया है।