इंदौर और खंडवा के बीच प्रस्तावित रेल परियोजना को लेकर लंबे समय से चली आ रही सबसे बड़ी अड़चन अब समाप्त हो गई है। वन विभाग द्वारा इस महत्वपूर्ण रेल रूट को NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी कर दिया गया है, जिससे अब इस बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट को तेज़ी से अमलीजामा पहनाया जा सकेगा।
यह रेल लाइन उत्तर भारत और दक्षिण भारत को जोड़ने वाला सबसे छोटा और सीधा मार्ग साबित होगी, जिससे यात्रियों को दूरी और समय दोनों में भारी राहत मिलेगी। साथ ही, इंदौर के औद्योगिक और व्यापारिक विकास को भी नई रफ्तार मिलेगी।
शंकर लालवानी की सक्रिय पहल ने तोड़ी बाधा
इंदौर के सांसद शंकर लालवानी इस परियोजना को लेकर लगातार सक्रिय रहे। उन्होंने रेलवे और वन विभाग के अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए कई स्तरों पर बैठकें करवाईं, जिससे तकनीकी औपचारिकताएं और अनुमति प्रक्रियाएं सहज हुईं।
हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात कर परियोजना को राज्य की प्राथमिकता में शामिल करवाया और वन विभाग से मंजूरी की अपील की, जिसके परिणामस्वरूप यह सफलता मिली।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का जताया आभार
इस प्रगति पर सांसद शंकर लालवानी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में बुनियादी ढांचे का अभूतपूर्व विकास हो रहा है। मैं इंदौर-खंडवा रेल प्रोजेक्ट को गति दिलाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का दिल से आभार प्रकट करता हूं।”
रेल मार्ग से खुलेंगे नए अवसर
इस परियोजना के पूरा होते ही इंदौर से दक्षिण भारत की ओर सफर करना और अधिक आसान, तेज और सस्ता हो जाएगा। खंडवा, भुसावल, नासिक और मुंबई की दिशा में सीधा कनेक्शन मिलेगा। साथ ही यह रेल रूट तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों से इंदौर को जोड़ने में भी मददगार साबित होगा।
व्यापार, कृषि और यात्रियों को होगा सीधा फायदा
इंदौर-खंडवा रेल कॉरिडोर से न केवल यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि मालवांचल के व्यापारी, किसान और उद्योग क्षेत्र भी सीधे लाभान्वित होंगे। कृषि उत्पादों और औद्योगिक माल का परिवहन अधिक सुगम होगा, जिससे पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।