इंदौर: शराब ठेकेदार हेमंत शिवहरे की आत्महत्या के मामले में इंदौर की सहायक जिला आबकारी अधिकारी मंदाकिनी दीक्षित पर बड़ी कार्रवाई हुई है। मृतक के सुसाइड नोट में रिश्वत मांगने और प्रताड़ित करने के गंभीर आरोपों के बाद दीक्षित के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। इसके साथ ही, आबकारी आयुक्त ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया है।
मामला शनिवार का है, जब शराब कारोबारी हेमंत शिवहरे ने परदेसीपुरा स्थित अपने आवास पर फांसी लगाकर जान दे दी थी। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए सीधे तौर पर आबकारी अधिकारी मंदाकिनी दीक्षित को जिम्मेदार ठहराया था।
सुसाइड नोट में 2 लाख रुपए महीने की रिश्वत का आरोप
हेमंत शिवहरे के भाई पवन शिवहरे ने सुसाइड नोट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया, जिसके बाद यह मामला तेजी से वायरल हो गया। सुसाइड नोट में लिखा है कि मंदाकिनी दीक्षित उनसे हर महीने 2 लाख रुपए की रिश्वत मांग रही थीं।
आरोप है कि रिश्वत न देने पर अधिकारी ने उन्हें झूठे मामले में फंसाने और दुकान छीन लेने की धमकी दी थी। मृतक ने लिखा कि इस मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर वह अपनी जान दे रहे हैं।
पुलिस और विभाग की तत्काल कार्रवाई
सुसाइड नोट सामने आने और सोशल मीडिया पर मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रशासन हरकत में आया। इंदौर के छत्रीपुरा थाने में मंदाकिनी दीक्षित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत केस दर्ज किया गया है।
आपराधिक मामला दर्ज होने के तुरंत बाद, मध्य प्रदेश के आबकारी आयुक्त द्वारा मंदाकिनी दीक्षित को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय भोपाल स्थित आबकारी आयुक्त कार्यालय तय किया गया है।
परिवार ने लगाई थी न्याय की गुहार
मृतक हेमंत के भाई पवन ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाते हुए लिखा था कि अधिकारी की प्रताड़ना के कारण उनके भाई ने जान दे दी। उन्होंने दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी, ताकि उनके परिवार को न्याय मिल सके। पुलिस अब सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की जांच समेत अन्य पहलुओं पर छानबीन कर रही है।