इंदौर के सांदीपनी मॉडल स्कूल कछालिया सांवेर की प्रिंसिपल मनीषा पहाड़िया को लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। आरोप है कि उन्होंने दो शिक्षकों से स्थायी नियुक्ति की फाइल जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय भेजने के एवज में 2,000 रुपए की मांग की थी।
टीचरों ने की शिकायत, बिछाया गया जाल
शिक्षक आशीष मारू ने लोकायुक्त में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि प्रिंसिपल ने उनसे और उनके साथी शिक्षक महेश गोयल से एक-एक हजार रुपए की मांग की। प्रिंसिपल ने खास तौर पर कहा था कि पैसे लिफाफे में रखकर दिए जाएं। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने जाल बिछाने की योजना बनाई।
लिफाफा लेते ही दबोची गई प्रिंसिपल
जाल के तहत टीचरों ने रिश्वत का लिफाफा प्रिंसिपल को सौंपा। जैसे ही उन्होंने इसे अपने हैंडबैग में रखा, लोकायुक्त की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें पकड़ लिया। उनके हैंडबैग से लिफाफा बरामद हुआ और हाथ धुलवाने पर रंग बदलने से रिश्वत की पुष्टि हो गई।
प्रोबेशन पीरियड पूरा, फाइल भेजने में मांगा पैसा
शिक्षक आशीष मारू का स्कूल में पदस्थापन 13 सितंबर 2021 को हुआ था और तीन साल बाद 13 सितंबर 2024 को उनका प्रोबेशन पीरियड पूरा हो गया। इसके बाद उनकी स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई। इसी क्रम में 27 जनवरी 2025 को उनकी और शिक्षक महेश गोयल की फाइल संकुल प्रिंसिपल के पास भेजी गई थी, जिसे आगे डीईओ कार्यालय भेजना था। इसी काम के लिए प्रिंसिपल ने रिश्वत की मांग की थी।
पकड़े जाने के बाद कहा- गलती हो गई
लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने बताया कि शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई की गई और प्रिंसिपल मनीषा पहाड़िया को भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम की धारा 7 के तहत गिरफ्तार किया गया। वहीं, पकड़े जाने के बाद प्रिंसिपल ने सफाई देते हुए कहा कि उनसे गलती हो गई।