लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख के भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश के तहत इंदौर लोकायुक्त इकाई ने आज एक बड़ी ट्रेप कार्यवाही की। इस कार्यवाही में एक विकास खंड श्रोत समन्वयक को रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथ पकड़ा गया।
आवेदक की शिकायत
आवेदक आशुतोष सैनी, जो कि रामकृष्ण परमहंस विद्यालय, तिलक नगर, इंदौर के संचालक हैं, ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनके विद्यालय की मान्यता में 3 साल की समय वृद्धि हेतु शिक्षा विभाग में आवेदन किया था। इस प्रक्रिया में भौतिक सत्यापन रिपोर्ट देने के लिए BRC द्वारा 20,000 रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी।
आरोपी की पहचान
आवेदक ने आगे बताया कि आरोपी, माता प्रसाद गौड, जो कि इंदौर अर्बन -2 के विकास खंड श्रोत समन्वयक हैं और अरिहंत नगर, इंदौर के निवासी हैं, ने सत्यापन प्रक्रिया में 18,000 रुपये की रिश्वत की मांग की। इसके साथ ही 5,000 रुपये पहले ही ले लिए थे।
ट्रेप कार्यवाही
आवेदक की शिकायत पर लोकायुक्त कार्यालय ने तत्काल जांच शुरू की। शिकायत सही पाए जाने पर, आज यानी 25 मार्च 2025 को एक विशेष ट्रेप दल का गठन किया गया। ट्रेप कार्यवाही के दौरान आरोपी ने आवेदक से 13,000 रुपये की रिश्वत स्वीकार की। इस कार्रवाई में आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा गया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत कार्यवाही जारी है।
ट्रेप दल के सदस्य
इस सफल ट्रेप कार्यवाही में निम्नलिखित लोकायुक्त अधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:
- डीएसपी सुनील तालान
- निरीक्षक रेनू अग्रवाल
- प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव
- आरक्षक विजय कुमार
- आरक्षक अनिल परमार
- आरक्षक चेतन परिहार
- आरक्षक शिव पाराशर
- आरक्षक कृष्णा
- आरक्षक आदित्य भदौरिया
लोकायुक्त ने इस सफल कार्यवाही को भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता और प्रभावी कदम के रूप में देखा है, और यह कार्यवाही शिक्षा विभाग और अन्य सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।