स्वतंत्र समय, इंदौर
प्रदेश के सबसे जागरूक शहर इंदौर की तर्ज पर अब पूरे प्रदेश में जनभागीदारी ( public participation ) से विकास की योजना को लागू किया जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा नियम बनाए जाएंगे। प्रस्तावित नियम के अनुसार विकास कार्य के कुल खर्च का 50 फीसदी जनता उठाएगी और शेष 50 फीसदी राशि राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी।
मुख्यमंत्री public participation निर्माण योजना
पूरे देश में इंदौर पहला ऐसा शहर है जहां जनता की भागीदारी ( public participation ) से विकास कार्य को क्रियान्वित करने की योजना को लागू किया गया। इस योजना ने पूरे देश को विकास की दिशा में एक नया संदेश दिया। इस संदेश को प्रदेश की सरकार को समझने में कई साल का वक्त लग गया। अब जाकर सरकार को लग सका है कि इंदौर में जिस तरह से जनता की भागीदारी से विकास किया जाता है वैसा विकास पूरे प्रदेश में जनता की भागीदारी से किया जाना चाहिए। यही कारण है कि अब सरकार द्वारा मुख्यमंत्री जनसहभागिता निर्माण योजना लाई जा रही है।
क्या है इंदौर की योजना
इंदौर में नगर निगम द्वारा इस योजना को पिछले कई सालों से चलाया जा रहा है। इसके तहत जनता की मांग के अनुसार विकास कार्य करने के लिए योजना तैयार की जाती है। इस योजना में होने वाले कुल खर्च में से आधे खर्च की राशि का सामान जैसे सीमेंट, रेती, गिट्टी आदि जनता द्वारा पैसा इकट्ठा कर दी जाती है। शेष आधी राशि नगर निगम द्वारा खर्च की जाती है। इस तरह इंदौर नगर निगम द्वारा जनसहभागिता से विकास कार्य कराए जाते हैं।
आधी राशि का वहन जनता द्वारा किया जाएगा
इस योजना के लिए सरकार द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट में कहा गया है कि जनता अपनी मांग के अनुसार सडक, सीवरेज लाइन, पानी की लाइन, बगीचा और अन्य विकास कार्य करवा सकेगी। जनता द्वारा मांग किए जाने पर नगर निगम द्वारा योजना बनाई जाएगी और इस योजना की लागत निकाली जाएगी। योजना की लागत में से आधी राशि का वहन जनता द्वारा किया जाएगा। ऐसे में शेष बची आधी राशि का वहन राज्य सरकार करेगी।
इस तरह से इस योजना को आकार दिया जाएगा।
विजयवर्गीय के कार्यकाल में हुई थी शुरूआत
इंदौर में जन भागीदारी से विकास कार्य करने की शुरूआत वर्ष 2000 से 2005 तक तत्कालीन महापौर कैलाश विजयवर्गीय के कार्यकाल के दौरान हुई थी। उस समय पर इंदौर नगर निगम की माली हालत बहुत ज्यादा खराब थी। ऐसे में महापौर द्वारा जनता से कहा गया था कि वह विकास कार्यों में अपनी भागीदारी करें और आधी राशि का खर्च उठा लें तो नगर निगम आधी राशि खर्च करने के लिए तैयार है। विजयवर्गीय द्वारा यह योजना प्रस्तुत किए जाने के बाद इंदौर नगर निगम में इस योजना को उनके कार्यकाल में शुरू किया गया था। तब से लेकर अब तक यह योजना इंदौर में लागू है।