इंदौर मैराथन जागरुकता के लिए ‘जुनून’ की दौड़

  • छोटे-छोटे बच्चों से लेकर 85 वर्ष की उम्र वाले लोग भी मैराथन में ट्रैक पर उतरे, हर उम्र के पार्टिसिपेंट्स ने दिखाया जोश
  • फॉलो ट्रैफिक रूल्स, सेव योरसेल्फ थीम पर हुई इंदौर मैराथन 2024
  • मैराथन ट्रैक पर रहा उत्सव जैसा माहौल, ढोल – ढमाकों से शुरुआत, दर्जन भर स्थानों पर स्टेज बनाकर किया गया स्वागत
  • 150 से ज्यादा अस्थि बाधित, मूक बधिर, किडनी ट्रांसप्लांट पेशेंट, आर्टिफिशियल लिम्ब वाले, कैंसर पेशेंट भी हुए शामिल
  • मैराथन में दौड़े 20 हजार से ज्यादा रनर

स्वतंत्र समय, इंदौर

4 फरवरी, रविवार की सुबह इंदौर के गौरवशाली इतिहास में एक और नया अध्याय शामिल हो गया। एकेडमी ऑफ इंदौर मैराथनर्स कीकोल इंडिया इंदौर मैराथन 2024″ में हजारों लोग एक साथ मैराथन के ट्रैक पर उतरे और जोश व जुनून के साथ दौड़ लगाई। यह सिर्फ मैराथन नहीं बल्कि सेहत का उल्लास व उमंग भरा उत्सव साबित हुआ, जिसमें हर उम्र के प्रतिभागियों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।
यह रनर्स का जुनून ही था कि ठिठुरा देने वाली ठंड में वे सुबह पांच बजे मैराथन के ट्रेक पर उतर आए। एआईएम द्वारा आयोजित यह 10वीं मैराथन ‘फॉलो ट्रैफिक रूल्स, सेव योरसेल्फ” थीम पर रखी गई थी। अलग-अलग श्रेणियों के प्रतिभागियों और विजेताओं को 9 लाख रुपए के 48 पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। मैराथन में न सिर्फ इंदौर और मध्यप्रदेश के रनर्स शामिल हुए बल्कि देश के कई अन्य राज्यों और विदेशों से भी लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया और इस अनूठे आयोजन का हिस्सा बने।

देश भर के रनर्स हुए शामिल, जागरूकता लाना मुख्य उद्देश्य

एआईएम के अध्यक्ष डॉ. अरुण अग्रवाल ने बताया कि इंदौर मैराथन देश भर में होने वाली प्रमुख मैराथन में अपनी पहचान बना चुकी है क्योंकि इसमें सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि कई शहरों के हजारों लोग शामिल होते हैं और इंदौर आकर मैराथन में दौड़ लगाते हैं। इस बार की मैराथन में मुंबई, दिल्ली, पुणे, अहमदाबाद, बड़ौदा, जयपुर, कोटा आदि शहरों से इंदौर आए और मैराथन में हिस्सा लिया। हर वर्ष अलग – अलग थीम के साथ मैराथन होती है लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य एक ही होता है सेहत के प्रति जागरुकता लाना। अगर हम नियमित रूप से वॉक, जॉग और रन करते रहें तो 13 प्रकार के कैंसर, हार्ट अटैक, बीपी, डायबिटीज, ब्रेम हेमरेज, स्ट्रोक आदि के खतरे को कम कर सकते हैं। हर व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में से कुछ समय निकालकर एक्सरसाइज, वॉकिंग, रनिंग, जॉगिंग करना ही चाहिए।

उत्साह और उल्लास का उत्सव

एआईएम के उपाध्यक्ष विशाल मुद्गल ने बताया कि यह मैराथन उल्लास और उत्साह का उत्सव है जिसका इंतजार वर्ष भर रहता है। मैराथन के ट्रैक पर रनर्स का जमकर स्वागत किया गया। करीब दर्जन भर स्थानों पर स्टेज बनाए गए थे। फूल, मालाओं से स्वागत करने के साथ ही खाने – पीने की चीजों का भरपूर इंतजाम किया गया था। ढोल ढमाकों से स्वागत किया गया। नाच – गाना भी हुआ और मस्ती भी। कोई अकेला दौड़ा तो कोई परिवार के साथ और कोई दोस्तों व गली – मोहल्ले वालों के साथ। सभी कैटेगरी की मैराथन के मार्ग पर हजारों दर्शक भी रनर्स को देखने के लिए खड़े रहे और इनका उत्साहवर्धन किया।

जनता, पुलिस, प्रशासन और निगम के सहयोग से हुआ आयोजन

रेेस डायरेक्टर राजीव लथ ने बताया कि एकेडमी ऑफ इंदौर मैराथनर्स की यह मैराथन मैराथन अद्वितीय और अद्भुत कार्यक्रम होता है। इसके सफल आयोजन में इंदौर की पुलिस, प्रशासन, निगम की टीम, एनसीसी, स्काउट आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने स्टेडियम और मैराथन मार्ग पर व्यवस्था सम्भाली। निगम व प्रशासन की टीम ने भी मुस्तैदी के साथ काम किया। साथ ही इंदौर की जनता ने भी सकारात्मक भागीदारी अदा की। मैराथन के बाद नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में विजेताओं और अन्य प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एआईएम की ओर से आयोजन में प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष सहयोग और भागीदारी के लिए सभी के प्रति धन्यवाद प्रकट किया गया।

150 से ज्यादा दिव्यांग, दर्जनों कैंसर और किडनी पेशेंट भी ट्रैक पर उतरे

एआईएम के सचिव विजय सोहनी ने बताया कि इंदौर मैराथन के प्रति हर उम्र के लोगों में अपार उत्साह रहता है। इसमें वे लोग भी पार्टिसिपेंट के रूप में शामिल हुए जो खुद अपने पैरों से चल तक नहीं सकते। कोई ट्राइसाइकिल के साथ ट्रैक पर उतरा तो कोई दूसरे के सहारे। किसी ने अटेंडर के साथ मैराथन पूरी की तो किसी ने दूसरे रनर्स का हाथ थाम कर रास्ता पूरा किया। इस बार की मैराथन में 150 से ज्यादा अस्थिबाधित, मूक बधिर, मानसिक दिव्यांग, कृत्रिम अंग वाले शामिल हुए जबकि दर्जनों की संख्या में ब्रेस्ट कैंसर और किडनी के पेशेंट भी शामिल हुए। इनमें वो महिलाएं भी हैं जिनकी दो बार ब्रेस्ट सर्जरी हो चुकी है जबकि वो लोग भी हैं जिनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। गंभीर बीमारियों और शारीरिक चुनौतियों के बावजूद ये लोग सेहत के प्रति जागरूकता का संचार करने के लिए मैराथन के ट्रैक पर उतरे और वह कर दिखाया, जो अपने आप में मिसाल है।

सोनू सूद में भी खूब दिखा उत्साह

एआईएम द्वारा मैराथन का आयोजन चार कैटेगरी में किया गया था। अभिनेता सोनू सूद शुभारंभ कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित हुए। सुबह 5.30 बजे 21.1 किमी. की मैराथन नेहरू स्टेडियम से शुरू की गई। इसके बाद सुबह 6.30 बजे 10 किमी. की मैराथन नेहरू स्टेडियम से शुरू हुई। 5 किमी. की मैराथन को सुबह 8.30 बजे राजवाड़ा से और 3 किमी. की मैराथन को सुबह 8 बजे यशवंत क्लब से शुरू किया गया। मैराथन के शुभारंभ समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल गजेंद्र जोशी, कोल इंडिया की वरिष्ठ पदाधिकारी रेणु चतुर्वेदी, दैनिक भास्कर के मुख्य पदाधिकारी सुमित मोदी, श्रीधी मिल्क और यूनियन बैंक के पदाधिकारी भी उपस्थित हुए और रनर्स को शुभकामनाएं दीं।