विपिन नीमा
स्वच्छता में लगातार देश का सिरमौर बन रहा इंदौर अब अपने अनुभव से दूसरे शहरों को भी संवार रहा है। स्वच्छ भारत मिशन की ‘मेंटर-मेंटी’ पहल के तहत इंदौर ने अपने नजदीकी शहर देपालपुर को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने का जिम्मा उठाया है। इंदौर नगर निगम के मार्गदर्शन में देपालपुर में स्वच्छता को लेकर किए जा रहे कार्यों की पहली प्रगति रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है।
रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 25,000 की आबादी वाले देपालपुर में 60 प्रतिशत से अधिक घरों से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन शुरू कर दिया गया है। शहर से प्रतिदिन लगभग 10 टन कचरा उठाया जा रहा है। इस काम के लिए 5 कचरा वाहनों को लगाया गया है। इंदौर की तर्ज पर यहां भी गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग इकट्ठा करने पर जोर दिया जा रहा है, जिसके लिए चार वाहनों में पार्टीशन भी कर दिए गए हैं।
प्रशासनिक और जमीनी स्तर पर तेज हुए प्रयास
देपालपुर नगर परिषद ने स्वच्छता सुधार की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं। शहर के सभी 5,000 घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का डोर-टू-डोर सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। सफाई व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सफाई मित्रों की तैनाती सुबह और शाम, दोनों पालियों में सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, स्वच्छता कार्यों की निगरानी और बेहतर योजना के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ तीन बड़ी बैठकें भी हो चुकी हैं।
शहर को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने के लिए सड़कों पर घूमने वाले लगभग 125 आवारा पशुओं को पकड़कर हातोद स्थित गोशाला में स्थानांतरित किया गया है। साथ ही, नए सार्वजनिक शौचालयों और यूरिनल के निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भी भेजा गया है।
जागरूकता और संसाधन बढ़ाने पर जोर
नागरिकों में कचरा पृथक्करण को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए 15 वॉलंटियर्स की एक टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है। शहर की दीवारों पर स्वच्छता संदेशों वाली वॉल पेंटिंग का काम भी शुरू हो गया है, जिसके तहत 10 दीवारों पर चित्रकारी पूरी हो चुकी है।
संसाधनों को बढ़ाते हुए सीएसआर के सहयोग से तीन नए कचरा वाहनों की स्वीकृति मिली है। इसके अतिरिक्त, नागरिकों को अलग-अलग तरह का कचरा डालने के लिए 6,000 से 7,000 डस्टबिन भी वितरित किए गए हैं। लक्ष्य है कि जल्द ही 100% घरों से कचरा पृथक्करण के साथ डोर-टू-डोर कलेक्शन किया जाए।
इंदौर मॉडल सीखने आएंगे देपालपुर के पार्षद
देपालपुर को स्वच्छता में अव्वल बनाने के लिए इंदौर के सफल मॉडल को करीब से समझने की तैयारी है। इसी क्रम में देपालपुर के 15 पार्षदों का एक दल आगामी 10 दिसंबर को इंदौर का दौरा करेगा। यहां वे इंदौर की सफाई व्यवस्था, वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट और अन्य स्वच्छता प्रथाओं का प्रत्यक्ष अनुभव लेंगे, ताकि उन नवाचारों को देपालपुर में भी लागू किया जा सके।