Indore Metro: इंदौर शहर के लोगों के लिए खुशखबरी है। इंदौर मेट्रो ने शुक्रवार को अपने प्रायोरिटी कॉरिडोर से आगे का सफल ट्रायल रन पूरा कर लिया। इस ट्रायल में मेट्रो ट्रेन पहली बार 10 किलोमीटर तक दौड़ी, हालांकि ट्रेन निर्धारित एमआर-10 स्टेशन से एक किलोमीटर पहले ही लौट गई। मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि यह शुरुआत है और आने वाले दिनों में ट्रेन की स्पीड बढ़ाते हुए ट्रायल जारी रहेगा।
प्रायोरिटी कॉरिडोर से आगे बढ़ा सफर
इससे पहले मेट्रो का संचालन केवल 6 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर तक ही सीमित था। यह हिस्सा ज्यादा आबादी वाले क्षेत्रों से नहीं गुजरता, जिसके कारण यात्रियों की संख्या कम थी। शुरुआती दिनों में शहरवासियों ने उत्साह दिखाया, लेकिन धीरे-धीरे भीड़ कम हो गई।
अब मेट्रो का लक्ष्य रेडिसन चौराहे तक पहुंचने का है। यह क्षेत्र विजय नगर, सुखलिया और आसपास के इलाकों को जोड़ता है, जहां से बड़ी संख्या में कर्मचारी और छात्र सुपर कॉरिडोर की आईटी कंपनियों और कॉलेजों की ओर आते-जाते हैं। इस रूट के शुरू होने से यात्रियों की संख्या में बड़ा इजाफा होने की संभावना है।
तीन चरणों में बन रही है मेट्रो
इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट को तीन फेज में पूरा किया जा रहा है।
फेज 1: यह हिस्सा मेट्रो डिपो से सुपर कॉरिडोर स्टेशन 3 तक है, जिसकी लंबाई 6.3 किलोमीटर है। 31 मई से इस हिस्से में मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू हो चुका है। इस फेज पर करीब 1520 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
फेज 2: इसमें सुपर कॉरिडोर स्टेशन 3 से मालवीय नगर (रेडिसन चौराहा) तक का रूट शामिल है। इसकी लंबाई 10.98 किलोमीटर है और इसमें 11 स्टेशन होंगे। आज जो ट्रायल रन किया गया, वह इसी फेज के तहत हुआ है। इस फेज को जनवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है और इसकी लागत लगभग 1200 करोड़ रुपये है।
फेज 3: यह सबसे चुनौतीपूर्ण फेज है। इसमें 14 किलोमीटर का हिस्सा शामिल है, जिसमें 8.7 किलोमीटर अंडरग्राउंड और 5.34 किलोमीटर एलिवेटेड होगा। इस फेज में 12 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें 7 अंडरग्राउंड और 5 एलिवेटेड होंगे। इस फेज पर करीब 2550 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
ट्रायल रन में सुरक्षा को प्राथमिकता
शुक्रवार को हुए ट्रायल रन में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन की स्पीड केवल 10 किमी/घंटा रखी गई। शुरुआत में सिर्फ 4 किलोमीटर के ट्रायल की अनुमति मिली थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाया गया। मेट्रो के इंजीनियर और तकनीकी टीम इस ट्रायल में मौजूद रही और सभी सिस्टम की बारीकी से जांच की गई।
आगे की तैयारी और यात्रियों के लिए उम्मीदें
अगले साल तक रेडिसन चौराहे तक मेट्रो के कमर्शियल रन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए अभी 5 से ज्यादा स्टेशनों का काम बाकी है। मेट्रो प्रबंध संचालक एस. कृष्ण चैतन्य ने निरीक्षण के दौरान टीम को निर्देश दिए कि एंट्री-एग्जिट, टिकट काउंटर, कंट्रोल रूम, लिफ्ट और एस्केलेटर का काम तेजी से पूरा किया जाए, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके।