स्वतंत्र समय, इंदौर
शहर के मध्यक्षेत्र में अंडर ग्राउंड मेट्रो ( Metro ) चलाने के लिए केंद्र सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया , निर्माण के लिए कंपनी को ठेका भी दे दिया गया है लेकिन मेट्रो का अंडर ग्राउंड मामला फिर संकट में आ गया है। राज्य के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मेट्रो को लेकर जब दौरा किया तो उन्होंने यह कहकर मामला उलझा दिया की इस लाइन की योजना बनाते वक्त स्थानीय जन प्रतिनिधियों की राय नहीं ली गई थी। एमजी रोड पर यह लाइन बिछाई गई, तो यह सडक़ खराब हो जाएगी। उन्होंने साफ कहा की हम शहर के एमजी रोड पर भूमिगत मेट्रो लाइन नहीं चाहते। यदि एमजी रोड पर यह लाइन बिछाई गई, तो यह सडक़ खराब हो जाएगी। अब एक बार फिर से एमजी रोड को लेकर बैठक होगी। इस बैठक में समस्त जनप्रतिनिधियों से पूछा जाएंगा। जो भी फैसला होगा वह शहर हित में लिया जाएंगा।
Metro रूट और स्टेशनों का नोटिफिकेशन हो चुका है
इधर केंद्र सरकार की तरफ से मेट्रो ( Metro ) रूट और स्टेशनों का नोटिफिकेशन हो चुका है। इस इंदौर के मध्य हिस्से में मेट्रो के रुट का काम अभी तक शुरू नहीं हो पा रहा है। यहां मेट्रो का अंडरग्राउंड काम होना है और नाथ मंदिर से इसे अंडर ग्राउंड करना तय हुआ है, लेकिन शहर के ज्यादातर जनप्रतिनिधि चाहते है कि पलासिया चौराहा के पहले से मेट्रो अंडरग्राउंड हो,ताकि पलासिया चौराहे पर ब्रिज बनाने में भी परेशानी न आए।
6 माह पहले भी रूट्स का सर्वे करने को कहा था
मेट्रो ( Metro ) रेल कम्पनी इसी माह गांधी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर के स्टेशन क्रमांक-तीन के बीच 5.45 किलोमीटर का सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो का कमर्शियल रन शुरु करने में जुटा हुआ है। इस कॉरिडोर को प्रारंभ करने के लिए मेट्रो कम्पनी की सारी तैयारियां अंतिम चरणों पहुंच गई है। इसी बीच बुधवार को शहर की सबसे व्यस्त एमजी रोड क्षेत्र पर प्रस्तावित भूमिगत मेट्रो लाइन को लेकर आपत्ति जताते हुए राज्य के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पेंच फंसा दिया। यह दूसरी बार ऐसा हुआ है की एमजी रोड क्षेत्र में मेट्रो को चलाने को लेकर पेंच फंसा है। 6 माह पहले भी विजयवर्गीय ने अधिकारियों की बैठक में फिर से रुट्स का सर्वे करने के निर्देश दिए थे।
मंत्री विजयवर्गीय ने जताई आपत्ति
शहर के सबसे व्यस्त और घनी आबादी वाले एमजी रोड की सडक़ पर प्रस्तावित भूमिगत मेट्रो लाइन को लेकर आपत्ति जताते हुए राज्य के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को कहा कि इस लाइन की योजना बनाते वक्त स्थानीय जन प्रतिनिधियों की राय नहीं ली गई थी। उन्होंने मेट्रो रुट को देखने और समझने के बाद मीडिया से चर्चा से कहा,हम शहर के एमजी रोड पर भूमिगत मेट्रो लाइन नहीं चाहते। यदि एमजी रोड पर यह लाइन बिछाई गई, तो यह सडक़ खराब हो जाएगी।
हम किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं
विजयवर्गीय ने कहा कि इस मार्ग पर मेट्रो रेल चलाने से पहले सवारियों की संभावित संख्या का आकलन किया जाएगा। उन्होंने कहा,हम शहर में मेट्रो रेल चलाकर घाटा नहीं उठाना चाहते। इसलिए हम किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं। अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में 7,500.80 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण की नींव 14 सितंबर 2019 को रखी गई थी। इसके तहत शहर में करीब 31.50 किलोमीटर लम्बा मेट्रो रेल गलियारा बनाया जाना है। उन्होंने कहा,हम चाहते हैं कि मेट्रो रेल शहर के नागरिकों के लिए बोझ नहीं, बल्कि उपयोगी बने।
पलासिया पर डबल डेकर ब्रिज बनाना होगा
बुधवार को नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मेयर पुष्य मित्र भार्गव व जनप्रतिनिधियों के साथ दौरा किया। तब भी पलासिया चौराहे से पहले ही मेट्रो का रुट अंडरग्राउंड करने की बात उठी। मंत्री विजयवर्गीय ने अफसरों को इसके लिए नए सिरे से निर्माण लागत का आंकलन करने की बात कहीं है। यदि मेट्रो पलासिया चौराहा से अंडरग्राउंड करने पर सहमति नहीं बनती है तो फिर पलासिया चौराहे पर डबल डेकर ब्रिज ही बन पाएगा। प्रदेश सरकार ने बीआरटीएस हटाने के निर्देश दिए है। उसके बाद सभी प्रमुख चौराहों पर ब्रिज बनाए जाएंगे। यदि मेट्रो का ट्रेक पलासिया चौराहा से क्रास होगा तो फिर ट्रेक के बीस फीट उपर से ब्रिज बन पाएगा। इसके चलते ब्रिज की लंबाई भी एक किलोमीटर से ज्यादा रहेगी।