इंदौर नगर निगम को एमपीईनगरपालिका पोर्टल बंद होने के कारण से भारी नुकसान हुआ है। पोर्टल बंद होने के कारण से जनता टैक्स नहीं भर पाई और नगर निगम ने टैक्स के लिए जो टारगेट सेट किया था वह पूरा नहीं हुआ। नगर निगम को वित्त वर्ष में 100 करोड़ से ज़्यादा का नुकसान हुआ है।
900 करोड़ टैक्स का अनुमान था, बचा हुआ टैक्स वसूल हो जाएगा
नगर निगम में अपर आयुक्त देवधर दरवाई ने कहा कि 2023 – 2024 में नगर निगम को जनता के द्वारा दिए गए टैक्स से 785 करोड़ रुपए की आय मिली है। हमें आशा थी कि इस वर्ष हमें करीब 900 करोड़ रुपए टैक्स मिल सकता है। पोर्टल में आई कमियों के कारण से टैक्स का संग्रहण गिरा है। देवधर दरवाई ने बताया हालांकि यह टैक्स आने वाले वक़्त में नगर निगम के पास आ जाएगा और अगले वर्ष का टैक्स संग्रहण बहुत ज़्यादा रहेगा।
टैक्स बढ़ाने के लिए किए गए थे कई प्रयास
दरवाई ने कहा कि टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए कई कोशिश की गई थी। हमने कई क्षेत्रों में प्रापर्टी गाइड लाइन के भाव सुधारे, लोगों को आनलाइन टैक्स भरने के लिए प्रोत्साहित किया और कई व्यवस्थाओं में परिवर्तन किए। हमें पूरी आशा थी कि इस वर्ष सर्वाधिक टैक्स मिलेगा। दरवाई ने कहा कि आने वाले वाट में नगर निगम का टैक्स कलेक्शन 1 हजार करोड़ के करीब जा सकता है।
दिसंबर में खराब हुआ था पोर्टल
एमपीईनगरपालिका पोर्टल दिसंबर में चलना बंद हुआ था। इसके बाद इसे सुधारने में 2 से 3 महीने लगे लेकिन फिर भी लोग टैक्स जमा नहीं कर पाए। बीच में तो जिन लोगों ने टैक्स जमा किया था उनकी जानकारी भी पोर्टल से गायब हो गई। अब पोर्टल में लोग टैक्स भर रहे हैं लेकिन फिर भी उन्हें कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं।
नया पोर्टल बनाएगा निगम
मप्र के इस पोर्टल पर परेशानी आने के बाद इंदौर नगर निगम ने फैसला लिया है कि अब वह अपना खुद का पोर्टल बनाएगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि मप्र के पोर्टल पर सभी जिलों का लोड रहता है और इंदौर की व्यवस्था को सुचारू रूप से चालू रखने के लिए हमने अपना पोर्टल बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए हमने राज्य स्तर पर मंजूरी भी ले ली है। भोपाल में पहले से ही खुद का पोर्टल बना हुआ है और अब इंदौर भी अपने जिले का अलग पोर्टल बनाएगा।