हंगामेदार रहा इंदौर नगर निगम का परिषद सम्मेलन, कांग्रेस पार्षदों ने कई मुद्दों पर घेरा

स्वतंत्र समय, इंदौर

इंदौर नगर निगम के परिषद सम्मेलन की शुरुआत हंगामेदार रही। कांग्रेस ने नगर निगम के नए मीटिंग हॉल का नाम बदलने का मुद्दा छेड़ दिया। उन्होंने कहा कि यह भवन पूर्व सांसद और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के नाम पर रखना तय हुआ था। लेकिन बाद में बदल कर अटल सदन कर दिया गया। यह ताई का अपमान है। महिला का अपमान है।

 इंदौर नगर निगम परिषद सम्मेलन में भावुक हो गईं ताई

जब यह पूरा घटनाक्रम हुआ तब ताई खुद भी सम्मेलन में मौजूद थीं। उन्होंने कांग्रेस के सवाल का जवाब दिया और भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, मैं नहीं चाहती थी कि इस बारे में सवाल खड़ा हो। जब मेरे नाम का प्रस्ताव आया था तभी मैं गुस्सा हो गई थी। मैंने कहा भी था कि अरे मुझसे तो पहले पूछते, मैं तो अभी जिंदा हूं। मेरे नाम पर भवन का नामकरण करने की क्या जरुरत है। अभी तो मुझसे और बहुत अच्छे काम होने है। मैं तो चाहती हूं कि मेरे जाने के बाद मेरे कामों को लेकर मुझे याद किया जाए। उन्होंने भवन का नाम बदलने के फैसले का समर्थन भी किया और कहा कि मेरे अपमान की तो बात ही नहीं है। मेरे सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचा सकता। किसी की हिम्मत भी नहीं है। हिम्मत से ज्यादा कहूं तो सबका प्रेम है।

परिषद सम्मेलन में साउंड सिस्टम फेल हो गया

इस दौरान कांग्रेस ने महिला अपमान की तख्तियां भी दिखाई और भाजपा नेताओं पर सवाल खड़े किए। इसके बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव और सांसद शंकर लालवानी का भी उद्बोधन हुआ, जिन्होंने राम मंदिर उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार माना। गौरतलब है कि पहली बार ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर की बजाय निगम के खुद के हॉल में सम्मेलन आयोजित हो रहा है। विधानसभा की तरह यहां भी पास सिस्टम लागू किया गया है। एक पार्षद को अपने साथ सिर्फ दो लोगों को ही लाने की अनुमति दी गई है। निगम परिषद का पहला सम्मेलन नगर निगम में नव निर्मित भवन में आयोजित हो रहा है। निगम में बने नए परिषद हॉल में आयोजित सम्मेलन में साउंड सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है। करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए हाल में पहले ही परिषद सम्मेलन में साउंड सिस्टम फेल हो गया। सिस्टम फेल होने से नेता प्रतिपक्ष को हाथ में माइक लेकर बोलना पड़ा। वहीं महापौर को भी सिस्टम खराब होने से दिक्कत हुई, अधिकतर लोग उनकी बात नहीं सुन पाए।