इंदौर नगर निगम लगातार नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। जलुद स्थित सिटी बस कार्यालय पर आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जानकारी दी कि नगर निगम का 60 मेगावाट क्षमता वाला सोलर पार्क लगभग तैयार है और नवंबर से यह बिजली उत्पादन शुरू कर देगा। इस बैठक में परियोजना से जुड़ी एजेंसियों के अधिकारी भी मौजूद रहे।
ग्रीन बॉन्ड से हुआ देश का पहला बड़ा निवेश
यह सोलर पार्क किसी सामान्य परियोजना की तरह नहीं है, बल्कि इसकी विशेषता यह है कि इसे ग्रीन बॉन्ड से वित्तपोषित किया गया है। देशभर के निवेशकों ने इस पर भरोसा जताते हुए इसे एक सफल निवेश मॉडल बना दिया। यह भारत का पहला बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट है जिसे इस तरीके से तैयार किया गया है।
पीएम मोदी और सीएम ने किया था भूमिपूजन
इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया था। इंदौर नगर निगम परिषद ने पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना को हरी झंडी दी थी। अब इसका काम अंतिम चरण में है, जहां कनेक्शन और चार्जिंग की टेस्टिंग जल्द शुरू होगी।
हर महीने 4–5 करोड़ रुपये की बचत
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि सोलर पार्क शुरू होने के बाद नगर निगम को हर माह 4 से 5 करोड़ रुपये तक की बिजली बिल में बचत होगी। इससे मां नर्मदा जल परियोजना पर होने वाला खर्च भी काफी हद तक कम होगा। हालांकि, ट्रांसमिशन लाइनों से जुड़ी कुछ तकनीकी चुनौतियां सामने आई हैं, जिन्हें शीघ्र हल कर लिया जाएगा।
इंदौर बना देश का पहला ग्रीन बॉन्ड मॉडल
इस उपलब्धि के साथ इंदौर देश का पहला नगर निगम बन गया है, जिसने ग्रीन बॉन्ड से इतना बड़ा सोलर पार्क तैयार किया। यह परियोजना न केवल इंदौर की ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ाएगी बल्कि अन्य नगर निगमों के लिए भी एक मिसाल साबित होगी। महापौर ने बताया कि बहुत जल्द इसका लोकार्पण किया जाएगा और इंदौर हरित ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखेगा।