Indore News: इंदौर के सरकारी स्कूलों में डिजिटल शिक्षा का आगाज, अब स्मार्ट बोर्ड के साथ स्मार्ट टीवी से होगी पढ़ाई, फ्री में सीखेंगे कोडिंग और ऐप डेवलपमेंट

Indore News: इंदौर जिले के सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अब कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स अपने स्मार्टफोन की मदद से कोडिंग, वेबसाइट डिजाइनिंग और मोबाइल ऐप डेवलपमेंट जैसी आधुनिक तकनीकें बिल्कुल मुफ्त में सीख सकेंगे। यह अभिनव पहल IIT-दिल्ली के पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित कोड-योगी फाउंडेशन के सहयोग से शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य तकनीकी शिक्षा को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाना है।

घर बैठे फ्री में टेक्नोलॉजी की पढ़ाई अब संभव हो गई है। इंदौर जिला पंचायत के CEO सिद्धार्थ जैन के अनुसार, इस योजना के तहत छात्रों को बिल्कुल मुफ्त में तकनीकी शिक्षा प्रदान की जाएगी। सिर्फ एक स्मार्टफोन की मदद से स्टूडेंट्स घर बैठे हिंदी भाषा में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट जैसी उपयोगी तकनीकें सीख सकेंगे। यह कोर्स स्व-गति आधारित (Self-paced) होगा, यानी छात्र अपनी सुविधा और समयानुसार इसे पूरा कर सकेंगे, जिससे उन्हें पढ़ाई में किसी भी तरह की बाधा नहीं आएगी।

इस कोर्स को आधुनिक तकनीकों और AI-सपोर्ट के साथ इस तरह डिजाइन किया गया है कि छात्र भविष्य की जरूरतों के अनुसार खुद को बेहतर तरीके से तैयार कर सकें। कोर्स में कोडिंग की बेसिक से लेकर एडवांस स्तर तक की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, छात्रों को वेबसाइट डिजाइनिंग, मोबाइल ऐप डेवलपमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) व अन्य डिजिटल टूल्स की गहराई से समझ भी विकसित कराई जाएगी, जिससे वे टेक्नोलॉजी की दुनिया में आत्मनिर्भर बन सकें।

इस पहल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सिर्फ एक स्मार्टफोन के जरिए ही पढ़ाई संभव होगी, जिससे ग्रामीण इलाकों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र भी डिजिटल शिक्षा का लाभ उठा सकेंगे। इस सुविधा के माध्यम से छात्र न केवल तकनीकी ज्ञान हासिल करेंगे, बल्कि “डिजिटल इंडिया” से भी जुड़ सकेंगे और तकनीकी क्षेत्र में करियर बना सकेंगे।

कोर्स के दौरान जिन छात्रों का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहेगा, उन्हें प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) प्रदान किया जाएगा। साथ ही, उन्हें आगे की पढ़ाई और करियर से जुड़ी उचित गाइडेंस भी दी जाएगी, जिससे वे अपने भविष्य को बेहतर दिशा दे सकें।

यह योजना इंदौर जिले के लगभग 1600 सरकारी स्कूलों में लागू की जाएगी, जिससे लाखों छात्र लाभान्वित होंगे। जिला प्रशासन ने सभी स्कूल प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वे इस कार्यक्रम को सक्रिय रूप से लागू करें और अधिक से अधिक छात्रों को इससे जोड़ा जाए।