स्वतंत्र समय, इंदौर
राष्ट्र सेविका समिति द्वारा समिति की स्थापना के अवसर पर रविवार को पथ संचलन ( path sanchalan ) का आयोजन किया गया। स्थापना दिवस के उपलक्ष्य मे बङी संख्या मे महिलाएं पूर्ण गणवेश में गुणवत्ता के साथ कदम से कदम मिलाकर संचलन कर रही थी। समाजजनो द्वारा स्थान स्थान पर इस संचलन का स्वागत किया गया। यह शक्ति प्रदर्शन जो समाज में सकारात्मकता का वातावरण एवं समरसता निर्माण करने वाला कार्यक्रम है।
path sanchalan के पहले श्रुति केलकर ने उद्बोधन दिया
पथ संचलन ( path sanchalan ) के पूर्व समिति की मध्य भारत प्रान्त सेवा प्रमुख श्रीमती श्रुति केलकर ने अपने उद्बोधन मे बताया कि वंदे मातरम का अर्थ है माता की वंदना करना। माता का अपनी संतति के प्रति जो प्रेम होता है, जो विशिष्ट संबंध होता है, उसके कारण माता को सर्वोपरि एवं सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। किसी अन्य के द्वारा मां की थोड़ी सी भी बुराई संतति नहीं सुन सकती और मां के लिए कुछ भी करने को तत्पर रहती है, वैसा ही भाव जब देश के नागरिकों का अपनी जन्मभूमि के प्रति होता है तो वंदे मातरम उस देश की प्राण शक्ति बन जाता है।
यहां से गुजरा महिलाओं का पथ संचलन
साकेत नगर उद्यान से प्रारंभ होकर सांची पॉइंट तिराहा, पत्रकार कालोनी चौराहा,साकेत चौराहा,आनंद बाजार रोड़,आनंद बाजार चौराहा,खजराना रोड,चंद्रलोक चौराहा,कल्पना लोक कालोनी,जैविक सेतु चौराहा, साकेत नगर मेन रोड से पुन: साकेत नगर उद्यान पर सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में बङी संख्या मे महिलाओं ने हिस्सा लिया। महिलाये पूर्ण गणवेश में गुणवत्ता के साथ कदम से कदम मिलाकर संचलन कर रही थी। पथ संचलन का जगह जगह स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्ष श्रीमती अलका सोनकर सेंट्रल जेल अधीक्षक, इंदौर मुख्य अतिथि डॉ निशा जोशी संस्थापक व निदेशक- निशा जोशी योग अकादमी, इंदौर विशेष अतिथि- सुश्री सुदीप्ति हजेला एशियाई खेलों में प्रथम भारतीय घुड़सवारी स्वर्ण पदक विजेता कार्यक्रम में एकल गीत श्रीमती कल्याणी काकड़े ने लिया एवं कार्यक्रम का संचालन श्रीमती आकांक्षा त्रिवेदी ने किया।