इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में ट्रैफिक पुलिस ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने शहर के प्रतिष्ठित प्रेस्टीज स्कूल की बसों की औचक जांच की, जिसमें दो ड्राइवर शराब के नशे में गाड़ी चलाते हुए पाए गए। पुलिस ने तत्काल दोनों ड्राइवरों को गिरफ्तार कर लिया और उनकी बसें भी जब्त कर ली हैं।
यह घटना उस समय सामने आई जब ट्रैफिक पुलिस की टीम स्कूल के पास ही वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इस कार्रवाई ने एक बार फिर स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ट्रैफिक पुलिस का औचक निरीक्षण
जानकारी के अनुसार, ट्रैफिक डीसीपी मनीष कुमार अग्रवाल के निर्देश पर पुलिस टीम ने प्रेस्टीज स्कूल के पास एक विशेष चेकिंग अभियान चलाया था। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि स्कूल बस ड्राइवर यातायात नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं और वे किसी भी तरह के नशे में तो नहीं हैं।
पुलिस ने एक-एक कर स्कूल की 17 बसों को रोका और उनके ड्राइवरों की ब्रेथ एनालाइजर मशीन से जांच की। जांच के दौरान दो ड्राइवरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिससे पुष्टि हुई कि उन्होंने शराब का सेवन कर रखा था।
नशे में मिले ड्राइवर, बसें जब्त
नशे की पुष्टि होते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों ड्राइवरों को हिरासत में ले लिया। उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। इसके साथ ही, जिन दो बसों को वे चला रहे थे, उन्हें भी जब्त कर लिया गया है। पुलिस ने परिवहन विभाग (RTO) को इन ड्राइवरों के लाइसेंस निलंबित करने की सिफारिश भी भेजी है।
“स्कूली बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमें सूचना मिली थी कि कुछ ड्राइवर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। चेकिंग के दौरान प्रेस्टीज स्कूल के दो बस ड्राइवर नशे में पाए गए, जिन पर तत्काल कार्रवाई की गई है। इस तरह के अभियान आगे भी जारी रहेंगे।” — मनीष कुमार अग्रवाल, ट्रैफिक डीसीपी, इंदौर
स्कूल प्रबंधन को दी गई सूचना
पुलिस ने इस गंभीर लापरवाही की सूचना तत्काल प्रेस्टीज स्कूल के प्रबंधन को दी। प्रबंधन को चेतावनी दी गई है कि वे अपने स्तर पर भी ड्राइवरों की नियमित जांच सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि बच्चों की सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी पाए जाने पर स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी भी तय की जा सकती है। यह कार्रवाई शहर के अन्य स्कूलों के लिए भी एक सबक है कि वे अपने परिवहन व्यवस्था को लेकर सतर्क रहें।