राजेश राठौर
exclusive
स्वतंत्र समय, इंदौर
प्लाट, मकान, दुकान नहीं बिकने के कारण अब कॉल ( Call ) सेंटर से आने वाले फोन की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। लोग तो जैसे ही कॉल पर कोई लडक़ी बोलती है कि आप क्या प्लाट लेना चाहते हैं तो लोग फोन काट देते हैं।
Call सेंटर वालों से हर किसी को लगाते हैं फोन
इंदौर भूमाफियाओं ने कॉल ( Call ) सेंटर की सेवा लेते हुए हर किसी को फोन लगवाना शुरू कर दिए हैं। कॉल सेंटर से फोन लगाने वाले लडक़े-लडक़ी को ये भी पता नहीं होता है कि वो सक्षम व्यक्ति को प्लाट बेचने के लिए फोन लगा रहे हंै या फिर ठेला चलाने वाले को, या मूंगफली बेचने वाले को। कल एक ऐसे ही परेशान व्यक्ति बर्फवाले से बात हुई। इंदौर के जवाहर मार्ग पर चलित ठेले के माध्यम से बर्फ के लड्डू बेचने वाले कमल सोनगरा ने बताया कि उसके पास रोज ऐसे कई फोन आते हैं। वो ये बता-बता कर परेशान हो गया है कि उसकी प्लाट लेने की हैसियत नहीं है। किराये के मकान में रहता है, चार-पांच सौ रुपए रोज कमाकर अपना घर चलाता है, अब वो प्लाट कहां से बुक करेगा।
मोबाइल कंपनियोंं से नंबर की लिस्ट का डाटा लेकर कॉल सेंटर वाले दिनभर फोन लगाते रहते हैं। कॉल सेंटर वाले बीमा कराने से लेकर लोन देने तक के लिए भी फोन लगाते रहे हैं, लेकिन प्लाट बेचने वालों के इतने ज्यादा कॉल आ रहे हैं जितने पहले कभी किसी काम के लिए नहीं आए। सवाल इस बात का उठता है कि कॉल सेंटर वालों को कम से कम ये तो पता होना चाहिए कि हम जिसको फोन लगा रहे हैं वो प्लाट खरीदने की हैसियत रखता है या नहीं। यदि हैसियत रखता भी है तो उसको प्लाट खरीदना है या नहीं। लोग तो अब कॉल सेंटर के कर्मचारियों को न केवल गंदा बल्कि खराब भी बोलने लग गए हैं। कई बार खुद कर्मचारी भी मजबूरी में काल करते हैं लेकिन जैसे ही गंदा जवाब मिलता है, वैसे ही फोन काट देते हैं। इस तरह के काल सेंटरों पर भी कार्रवाई होना चाहिए, जो लोगों की निजी जिंदगी खराब करने के लिए बार-बार कॉल करते हैं।