भूपेंद्र रघुवंशी सुसाइड केस: आरोपी इति तिवारी को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की

इंदौर। शहर के चर्चित पब संचालक भूपेंद्र रघुवंशी आत्महत्या मामले में मुख्य आरोपी इति तिवारी को सोमवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जस्टिस अनिल वर्मा की बेंच ने मामले से जुड़े साक्ष्यों और मृतक के सुसाइड नोट को बेहद गंभीर मानते हुए इति की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस स्तर पर आरोपी को जमानत देना उचित नहीं है।

यह फैसला भूपेंद्र के परिवार के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है, जो लगातार इति की जमानत का विरोध कर रहा था। इति तिवारी फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।

कोर्ट की सख्त टिप्पणी

सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले की केस डायरी और उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन किया। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि मृतक द्वारा छोड़ा गया सुसाइड नोट और दर्ज किए गए बयान बेहद गंभीर प्रकृति के हैं। इन तथ्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इति तिवारी की ओर से दलील दी गई थी कि वह एक प्रतिष्ठित कंपनी में कार्यरत है और निर्दोष है, इसलिए उसे जमानत दी जानी चाहिए। हालांकि, अदालत ने इन दलीलों को अस्वीकार कर दिया।

सुसाइड नोट में ब्लैकमेलिंग का जिक्र

मृतक भूपेंद्र रघुवंशी के परिवार की ओर से एडवोकेट योगेश कुमार गुप्ता और अभिषेक रघुवंशी ने कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने तर्क दिया कि भूपेंद्र ने आत्महत्या से पहले पांच पन्नों का एक विस्तृत सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें आरोपी इति तिवारी पर प्रताड़ना, दबाव और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। नोट में स्पष्ट लिखा है कि वह इति की हरकतों से परेशान होकर यह कदम उठा रहा है। परिवार ने यह भी बताया कि मृतक के ड्राइवर ने भी अपने बयानों में इति, उसकी बहन शिवांगी और सहेली आरशा का नाम लिया था।

क्या था पूरा मामला?

घटना 30 अगस्त की है, जब इंदौर में तीन पब-बार के संचालक भूपेंद्र रघुवंशी ने भवानी नगर स्थित अपने घर पर जहर खाकर जान दे दी थी। शुरुआती जांच और सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने इति तिवारी, उसकी बहन शिवांगी और एक दोस्त आरशा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। हालांकि, मुख्य आरोप इति तिवारी पर ही केंद्रित थे। घटना के कुछ दिनों बाद इति ने अन्नपूर्णा थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।