मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में आस्था और भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला। प्रसिद्ध रणजीत हनुमान मंदिर से निकलने वाली पारंपरिक प्रभातफेरी में इस वर्ष श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। कड़ाके की ठंड और अलसुबह का वक्त होने के बावजूद, दो लाख से अधिक भक्तों ने इस भव्य यात्रा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
रणजीत हनुमान की यह प्रभातफेरी इंदौर की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में गिनी जाती है। बाबा रणजीत के दर्शन के लिए भक्त रात से ही कतारों में लगने शुरू हो गए थे। जैसे ही मंदिर के पट खुले और यात्रा शुरू हुई, पूरा क्षेत्र ‘जय श्री राम’ और ‘रणजीत बाबा की जय’ के उद्घोष से गूंज उठा।
भक्ति के रंग में रंगा शहर
प्रभातफेरी का मार्ग पूरी तरह से भगवा ध्वजों और फूलों से सजाया गया था। यात्रा के दौरान जगह-जगह मंच लगाकर भक्तों का स्वागत किया गया। कई सामाजिक संगठनों ने श्रद्धालुओं के लिए चाय, नाश्ते और पानी की व्यवस्था की थी। ढोल-ताशों की गूंज और भजनों की स्वरलहरियों ने माहौल को पूरी तरह से भक्तिमय बना दिया था।
सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी पुख्ता इंतजाम किए थे। भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग की गई थी और ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी जा रही थी। प्रशासन के अनुसार, पिछले वर्षों की तुलना में इस बार भीड़ का आंकड़ा काफी अधिक रहा।
परंपरा और आधुनिकता का संगम
इस प्रभातफेरी में न केवल बुजुर्ग, बल्कि बड़ी संख्या में युवा भी शामिल हुए। युवाओं ने सोशल मीडिया पर इस यात्रा की तस्वीरें और वीडियो खूब साझा किए। पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे भक्त और आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए प्रशासन, दोनों का ही एक अनूठा संगम देखने को मिला।
रणजीत हनुमान मंदिर की मान्यता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और वे हर क्षेत्र में ‘रणजीत’ यानी विजयी होकर लौटते हैं। यही कारण है कि न केवल इंदौर, बल्कि आसपास के जिलों से भी लोग इस प्रभातफेरी में शामिल होने आते हैं।
गौरतलब है कि हर साल इस यात्रा का स्वरूप भव्य होता जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, कोरोना काल के बाद से धार्मिक आयोजनों में लोगों की भागीदारी में भारी वृद्धि देखी गई है। इस बार की प्रभातफेरी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इंदौर वासियों के लिए रणजीत बाबा की भक्ति सर्वोपरि है।