स्वतंत्र समय, इंदौर
पिछले दो साल से आज के दिन का इंतजार था दो साल पहले हम यहाँ आए थ। यहाँ की स्थिति देख कर मन दुखी हुआ था। और तभी संकल्प भी लिया था कि इस गौ शाला ( gaushaala ) को आदर्श गौ शाला बनाएंगे, यह बात महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शनिवार को गोपाष्टमी के अवसर पर नगर निगम के द्वारा संचालित गौशाला पर आयोजित कार्यक्रम में कही। महापौर ने कहा की गौ शाला की स्तिथि में पहले और अब में जो सुधार है वो दिखाई दे रहा है लेकिन इसमें अभी और कार्य करने की जरूरत है जो लगातार जारी है। मैं चाहता हूँ कि इंदौर वासी अपने घर के उत्सव मानने यहाँ पहुंचे चाहे शादी हो जन्मदिन हो का कोई खास पर्व हो यहाँ पर शुरू हो इसके लिए विशेष प्लान तैयार किया है जो जल्दी ही पूरा हो जाएगा।
नगर निगम द्वारा संचालित gaushaala में पहुंचे महापौर
दरअसल गोपाष्टमी के अवसर पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव शनिवार को विशेष पूजा अर्चना के लिए खजूरी ग्राम स्थित नगर निगम इंदौर द्वारा संचालित गौशाला ( gaushaala ) पहुंचे थे जहाँ शहर के प्रबुद्ध नागरिक, जनप्रतिनिधि और गणमान्य भी उपस्थित हुए। इस अवसर पर सभी ने गौ शाला का निरीक्षण किया और वहाँ हो रहे विकासकार्यों की जानकारी के साथ गौ पूजन भी किया। अक्षय कांति बम ने कहा कि जब भी घर में खाना बनता है तो पहली रोटी गाय की निकली जाती है तब हमारे घर में अन्नपूर्णा का वास होता है आज नगर निगम ओर इन्दौर भी अव्वल इसलिए है क्योंकि नगर निगम ने महापौर के निर्देशन में गौ शाला का जो जीर्णोद्धार किया है उसका ही प्रतिफल है। ज्ञात हो कि प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में शहर से 20 किलोमीटर दूर गौशाला का संचालन किया जाता है जहां पर करीब 800 से ज्यादा गाय रखने की व्यवस्था इंदौर नगर निगम ने की है, इंदौर शहर में समय-समय पर आवारा पशुओं के खिलाफ अभियान भी चलाया जाता है, और इस दौरान जो आवारा पशु नगर निगम की टीम को मिलता है उसे नगर निगम द्वारा संचालित गौशाला में रख दिया जाता है,3 एकड़ में इस गौशाला का निर्माण किया गया है, जिसमें गायों को रखने के लिए अलग अलग बाड़े बनाए गए हैं ।इसके साथ ही गौशाला में तमाम तरह की सुविधा भी की गई है । वहीं गायों के खाने का भी यहां पर कर्मचारियों के द्वारा विशेष ध्यान रखा जाता है आधुनिक मशीन के द्वारा सुबह गायों को हरा चारा खिलाया जाता है. उसके बाद दोपहर में उन्हें भूसा दिया जाता है,भूसे में खली चापड़ और अन्य तरह की वस्तुएं मिलाकर दी जाती हैं गौशाला में उन्हीं गायों को रखा जाता है, जिन गायों को इंदौर में गौ-पालकों के द्वारा आवारा छोड़ दिया जाता है गौ शाला के उन्नत स्वरूप के लिए वहाँ तेज गति से कार्य किए जा रहा है ।
मुझे यहाँ आ कर बहुत सुकून महसूस हो रहा: स्वप्निल
शिक्षा विद और समाजसेवी स्वप्निल कोठारी ने कहा कि सेव टाइगर को लेकर कितनी अवेयर नेस है आज गाय को लेकर देख कर अच्छा लगा रहा है आप बधाई के पात्र इस लिए मूक पशु की वेदना को समझा और गौशाला को सुंदर स्वरूप दिया मुझे यहाँ आ कर बहुत सुकून महसूस हो रहा है। में इस बात की घोषणा करता हु कि अपने कॉलेज यूनिवर्सिटी के छात्रों को कहूंगा कि वो जब तक कॉलेज में तीन चार साल पढ़ाई करें वो यहाँ आ कर सेवा भाव से काम करें ।
गौ का जीवन न्यूट्रल
सोलर गांधी के रूप में देश में चर्चित चेतन सिंह सोलंकी ने कहा कि गौ माता का जीवन पर्यावरण की दृष्टि से लग ओर मानव जीवन अलग होता है ,गौ का जीवन जन्म से मृत्यु तक न्यूट्रल होता है वो जो खाती है वो दे देती है जिसका समाज उपभोग करता है मानव जीवन में ऐसा नहीं है वो सभी चीजों का उपभोग करता है आज गौपाअष्टमी पर यही संकल्प ले कि जैसी गौ माता न्यूट्रल है यानी वो जो लेती है उससे ज्यादा देती भी है हम भी कुछ ऐसा करे अपने पर्यावरण के लिए।