Indore News : संगीत की सुरमयी बयार ने एक बार फिर इंदौरवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नादब्रह्मा म्यूज़िकल ग्रुप की संयोजिका ममता मेहता के निर्देशन में “सप्तरंगी स्वरलहरियां – भाग 11” का सफल आयोजन रविवार, 21 सितंबर 2025 की शाम लाभमंडपम सभागृह, अभय प्रशाल, रेसकोर्स रोड पर हुआ। इस बार संगीतमय संध्या का शीर्षक था – “तेरे मेरे होंठों पे, मीठे-मीठे गीत मितवा”।
इस बार की थीम का विशेष उद्देश्य यह था कि केवल भजन, उत्साहवर्धक और खुशनुमा गीत ही चुने गए। कार्यक्रम की आयोजक ममता मेहता ने कहा कि “हमें खुशी है कि ‘सप्तरंगी स्वरलहरियां’ के 11वें भाग का सफल आयोजन हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत विशेष रूप से नवरात्रि स्पेशल माता जी के भजनों से हुई, जिसके बाद खुशनुमा और सदाबहार गीतों की श्रृंखला ने श्रोताओं को बांधे रखा। कलाकारों ने अलग-अलग भाषाओं और प्रदेशों के गीत प्रस्तुत किए। जिनमें शास्त्रीय संगीत, पुराने फिल्मी नग़मे, वेस्टर्न टच, पंजाबी और बंगाली गीतों का सुंदर मिश्रण शामिल था। हर प्रस्तुति अपने आप में खास रही। कभी सोलो, कभी डुएट और कभी कोरस, हर अंदाज़ में गाए गीतों ने महफ़िल को नई ऊँचाई दी।
देवी गीतों से शुरू हुई यह संगीतमय यात्रा अंत तक सुरों की झंकार से सराबोर रही और दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। ‘सप्तरंगी स्वरलहरियां’ आज इंदौर की सांस्कृतिक पहचान बन चुकी है। हर बार की तरह इस बार भी यह कार्यक्रम दर्शकों को एक ऐसी संगीतमय शाम देकर गया, जिसे लंबे समय तक याद किया जाएगा।”
कार्यक्रम में शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य प्रोफेशनल्स ने अपनी गायकी का जादू बिखेरा। इनमें वरिष्ठ सर्जन डॉ. अमिताभ गोयल, डॉ. संजय भटनागर, डॉ. मिताली श्रीमाल, सीए शैलेन्द्र पोरवाल, सीए पंकज सेठी, जौहरी आशुतोष कड़ेल, ईआर मयंक खण्डेलवाल, आशा निसरगंध और श्री सेठी शामिल रहे।
कार्यक्रम की गरिमा शहर के अनेक सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति से और भी बढ़ गई। इस अवसर पर मुख्य रूप से एम. बियानी (अकाउंट मेम्बर, ITAT, इंदौर), एस. एन. अग्रवाल, वीरेन्द्र जैन (एडिशनल कमिश्नर, CGST), सीए पंकज सेठी, मनोज चौबे (एडिशनल कमिश्नर, स्टेट टैक्स), डॉ. अमिताभ गोयल, डॉ. साधना सोडानी, समाजसेविका मनोमात्रा जोशी, सीमा पोहवाल, प्रसिद्ध बाँसुरी वादक बलविंदर बल्लू, डॉ. मिताली श्रीमाल, राजेश जायसवाल, डॉ. संजय भटनागर, सीए विनोद खेमेंका सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त भी शहर के चिकित्सक, व्यवसायी और कला-जगत से जुड़े अनेक लोग कार्यक्रम में शामिल हुए।
कार्यक्रम में प्रस्तुत गीतों में सांची ज्योत वाले माता, ओ रामजी बड़ा दुःख दीना, ढपली वाले ढपली बजा, आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे, चांद जैसे मुखड़े पर बिंदिया, इतना ना मुझसे तू प्यार बढ़ा, तुम अगर साथ देने का वादा, ऋषि कपूर मैडल, दूल्हे का सेहरा, डोला रे डोला, संदेशे आते हैं, छुपा लो यूं दिल में प्यार मेरा, दिल करता जीने का दिलदार, पिया अब तो आजा, तेरे मेरे होंठों पे मीठे-मीठे गीत, शाहरुख खान मैडल, तुम मिले दिल खिले, सबसे बड़ा तेरा नाम गीतों को गाया गया।
साथ ही एक पंजाबण और शावा शावा, ओ मांझी रे एवं नदिया चले चले रे धारा, प्यार किया तो डरना क्या, चांद आहें भरेगा फूल दिल, किसी राह पे किसी मोड़ पे, घर मोरे परदेसिया, परदा है परदा है, दिल दीवाना, ये अपना दिल तो आवारा, ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, मैं भूलूंगा, तुम ही चलो हम भी चले, जाने जा ओ मेरी हरजाई, दगाबाज रे, आप यूं ही अगर हमसे मिलते रहे, तेरे चेहरे से नज़र नहीं हटती और यारा ओ यारा शामिल रहे।