इंदौर: शहर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने की दिशा में परिवहन विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई शुरू की है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) ने 15 साल से ज्यादा पुरानी 78 सिटी बसों के परमिट निरस्त करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। यह कदम अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (AICTSL) द्वारा भेजी गई सूची के बाद उठाया गया है।
शहर में लंबे समय से कई पुरानी बसें संचालित हो रही थीं, जो न केवल प्रदूषण का एक बड़ा कारण थीं, बल्कि उनकी फिटनेस को लेकर भी सवाल उठ रहे थे। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य शहर की हवा को साफ करना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। ये बसें शहर के साथ-साथ ग्रामीण मार्गों पर भी चलती हैं।
पहले चरण में 78 बसें, कुल 156 पर निशाना
परिवहन विभाग के अनुसार, इंदौर में AICTSL के तहत कुल 156 बसें ऐसी हैं जो 15 साल की अवधि पूरी कर चुकी हैं। विभाग ने चरणबद्ध तरीके से इन सभी बसों को हटाने की योजना बनाई है। पहले चरण में 78 बसों की सूची RTO को सौंपी गई है, जिनके परमिट रद्द किए जाएंगे। इसके बाद बाकी बची बसों पर भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है परमिट निरस्त करने की प्रक्रिया?
AICTSL से सूची मिलने के बाद RTO अब इन बस ऑपरेटरों को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। नोटिस में उनसे पूछा जाएगा कि क्यों न उनकी पुरानी बसों के परमिट रद्द कर दिए जाएं। ऑपरेटरों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। सुनवाई पूरी होने के बाद RTO अंतिम फैसला लेते हुए परमिट निरस्त करने का आदेश जारी करेगा। इस पूरी प्रक्रिया में नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
“हमने 15 साल से अधिक पुरानी 78 बसों की सूची परमिट निरस्त करने के लिए RTO को भेज दी है। बाकी बसों पर भी कार्रवाई की जाएगी।” — मनोज पाठक, सीईओ, AICTSL
प्रदूषण और सुरक्षा प्रमुख वजह
विशेषज्ञों के अनुसार, 15 साल पुराने डीजल और सीएनजी वाहन नए वाहनों की तुलना में कई गुना अधिक प्रदूषण फैलाते हैं। इन बसों का रखरखाव भी एक बड़ी चुनौती है, जिससे उनकी फिटनेस प्रभावित होती है। पुरानी बसों के कलपुर्जे घिस जाते हैं और वे सड़क पर कभी भी खराब हो सकती हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
परिवहन विभाग का यह कदम केंद्र सरकार की स्क्रैपेज पॉलिसी के अनुरूप भी है, जिसका उद्देश्य पुराने और अनफिट वाहनों को चलन से बाहर करना है। इस कार्रवाई से इंदौर में सार्वजनिक परिवहन के बेड़े को आधुनिक बनाने में भी मदद मिलेगी। उम्मीद है कि पुरानी बसों के हटने से शहर के प्रदूषण स्तर में कमी आएगी और नागरिकों को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सुविधा मिल सकेगी।