इंदौर के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता चौपाल, महापौर बोले- शहरी इलाकों से ज्यादा जागरूक हैं 29 गांवों के लोग

इंदौर नगर निगम अपनी सीमा में शामिल हुए 29 ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और विकास को लेकर विशेष अभियान चला रहा है। इसी कड़ी में अहीरखेड़ी गांव में ‘स्वच्छ चौपाल संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव और विधायक मधु वर्मा ने ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी तर्ज पर सफाई व्यवस्था को मजबूत करना और नागरिकों की समस्याओं का समाधान खोजना था।

संवाद के दौरान महापौर ने ग्रामीणों की जागरूकता को देखकर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग शहरी इलाकों से भी आगे निकल रहे हैं। विशेष रूप से महिलाओं को कचरा पृथक्करण (Segregation) की गहरी समझ है।

धर्मशाला में डिस्पोजल पर पूर्ण प्रतिबंध

अहीरखेड़ी में आयोजित इस चौपाल में एक प्रेरक पहल सामने आई। पूर्व सरपंच ने बताया कि गांव की धर्मशाला में होने वाले किसी भी सार्वजनिक आयोजन या समारोह में डिस्पोजेबल सामग्री का उपयोग पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इसके स्थान पर स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है। यह कदम पर्यावरण संरक्षण और कचरा कम करने की दिशा में एक बड़ा उदाहरण है।

“ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों की तुलना में स्वच्छता को लेकर अधिक जागरूकता है। यहां की महिलाएं 6 बिन सिस्टम को बखूबी समझती हैं और कचरे को सही श्रेणी में अलग करके ही कचरा वाहनों को देती हैं।” — पुष्यमित्र भार्गव, महापौर, इंदौर

महिलाओं ने बताया कचरा प्रबंधन का तरीका

संवाद कार्यक्रम में जब महिलाओं से कचरा प्रबंधन पर बात की गई, तो उन्होंने बताया कि वे घर से ही कचरे को 4 से 5 अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर निगम की गाड़ियों में डालती हैं। स्वास्थ्य प्रभारी अश्विनी शुक्ल ने बताया कि यह जागरूकता अभियान लगातार जारी है, जिससे कचरे का बेहतर निपटान संभव हो पा रहा है।

अमृत प्रोजेक्ट 2.0 से बदलेगी तस्वीर

महापौर ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि इन 29 गांवों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए अमृत प्रोजेक्ट 2.0 के तहत काम शुरू कर दिए गए हैं। इसमें पानी, सड़क और सीवरेज जैसे महत्वपूर्ण विकास कार्य शामिल हैं। निगम प्रशासन ने इन क्षेत्रों में सफाई के लिए विशेष वाहन, पर्याप्त कर्मचारी और आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम अब धरातल पर दिखने लगे हैं।

विधायक मधु वर्मा और अन्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में नागरिकों से अपील की गई कि वे स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाए रखें। इंदौर के सफाई मॉडल की सफलता में जनभागीदारी सबसे अहम रही है और अब ग्रामीण क्षेत्र भी इसमें कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।