इंदौर को बनाना है दुनिया का पहला कार्बन उत्सर्जन कम करने वाला शहर

इंदौर। मालवांचल यूनिवर्सिटी के इंडेक्स समूह संस्थान में शिक्षक और छात्रों में ऊर्जा बचत के प्रति जागरूकता के लिए नगर निगम के इंदौर क्लाइमेट चेंज मिशन के बारे में एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के प्रो. चेतन सिंह सोलंकी ने जानकारी दी। इंडेक्स मेडिकल कॅालेज सभागृह में क्लाइमेट चेंज मिशन के एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के प्रो. चेतन सिंह सोलंकी ने कहा कि इंदौर क्लाइमेट मिशन का उद्देश्य इंदौर को जलवायु एक्शन में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करना है। यह मिशन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने, ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए है। मालवांचल यूनिवर्सिटी इंडेक्स समूह जैसे संस्थानों और परिवार के हर सदस्य को प्रयास करना चाहिए। एक परिवार से सालभर में 10,000 कि.ग्रा. कार्बन डाइऑक्साइड का कचरा निकलता है। यह दिखाई न देने वाला कचरा है, जिसे कम करने की पहल हम सभी को करनी होगी।इंदौर कचरे को साफ करके लगातार सात बार सफाई में नंबर 1 आया है। इससे साबित होता है कि दृढ़ संकल्प और जनसमुदाय की भावना से कठिन चुनौतियां भी पार कर सकते हैं। इससे प्रेरित होकर मैंने इंदौर को क्लाइमेट मिशन के लिए चुना, जो कार्बन उत्सर्जन के अदृश्य कचरे को खत्म करने पर काम कर रहा है।मैं इसके लिए जागरूकता फैलाने का काम कर रहा हूं। इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ हमारा लक्ष्य इंदौर को कार्बन उत्सर्जन कम करने वाला दुनिया का पहला शहर बनाना है। इसके लिए 20 फीसदी ऊर्जा का लक्ष्य रखा है।इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया और वाइस चैयरमेन मयंकराजसिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में इस मिशन को मालवांचल यूनिवर्सिटी भी सहयोग कर रहा है। इस अवसर पर मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॅा.संजीव नारंग,रजिस्ट्रार डॅा.लोकेश्वर सिहं जोधाणा,प्रो.वाइस चांसलर डॅा.रामगुलाम राजदान,एडिशनल डायरेक्टर डॅा.आर सी यादव,वाइस डीन डॅा.प्रेम न्याती,आईक्यूएसी डायरेक्टर डॅा.रौली अग्रवाल सहित विभिन्न अधिकारी गण उपस्थित थे।इस अवसर पर डॅा.चेतन सिंह सोलंकी ने अपनी स्वराज यात्रा की बस को भी छात्रों और शिक्षकों को दिखाया।

मैं कहने की आदत डालना होगी तभी हम मिशन को सफल कर सकते है

डॅा.सोलंकी ने कहा कि पर्यावरण के नुकसान से लेकर अंधाधुंध तरीके से लाइट पंखे का उपयोग कर रहे है। इसके लिए हम दूसरों को जिम्मेदारी ठहराते है। जब तक हम से मैं कहने की आदत नहीं डाल देते है तब तक इस मिशन को सही अर्थों में सफल नहीं बना सकते है। हमारी नहीं मेरी जिम्मेदारी है कि हम कम से कम लाइट पंखे और बिजली का खर्च करेंगे। इसके लिए छोटे-छोटे बदलाव, जैसे जरूरत न होने पर लाइट बंद करना, अनावश्यक उपकरणों का इस्तेमाल कम करना, ठंड के दिनों में फ्रिज का उपयोग न करना, ठंडे पानी से नहाना, एसी का तापमान 26 डिग्री या उससे अधिक रखना और अन्य बिजली बचत की आदतें अपनाना आदि। कार्यक्रम का संचालन शक्ति चंदेल और रिया सिंह ने किया।