इंदौर जू को मिला विदेशी वन्यजीवों का तोहफा, बायसन और शुतुरमुर्ग से बढ़ी रौनक, जल्द जिराफ भी आएगा नजर

इंदौर प्राणी संग्रहालय (जू) को एक बार फिर नए और दुर्लभ वन्य जीव मिले हैं। टाइगर ब्रीडिंग एवं एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत इस बार शिमोगा जू से आठ एग्ज़ॉटिक एनिमल इंदौर लाए गए हैं। इनमें चार बायसन (जंगली भैंस) शामिल हैं, जिन्हें रुद्र, तुलसी, कल्कि और ताप्ती नाम दिए गए हैं। इन बायसन को लाने के बदले इंदौर जू ने शिमोगा जू को एक टाइगर सौंपा है। इस एक्सचेंज से दोनों प्राणी उद्यानों को नई प्रजातियों के संरक्षण और प्रजनन में मदद मिलेगी।

शुतुरमुर्ग के जोड़े बने आकर्षण

बायसन के साथ ही इंदौर जू को शुतुरमुर्ग के दो जोड़े भी प्राप्त हुए हैं। शुतुरमुर्ग दुनिया का सबसे बड़ा पक्षी माना जाता है और इनका जुड़ना प्राणी उद्यान के लिए बड़ी उपलब्धि है। कुल मिलाकर इस बार आठ नए प्राणी इंदौर जू के परिवार का हिस्सा बने हैं। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने वन्यजीव प्रभारी डॉ. उत्तम यादव के साथ इन नए प्राणियों का अवलोकन किया और कहा कि यह कदम न केवल जू की शोभा बढ़ाएगा बल्कि शहरवासियों और पर्यटकों के लिए भी एक नया अनुभव लेकर आएगा।

जिराफ़ प्राप्त करने की दिशा में कदम

महापौर ने बताया कि इंदौर जू ने हाल ही में एक बड़ी पात्रता हासिल की है। यहाँ पहले लाए गए ज़ेब्रा की देखभाल बेहतरीन तरीके से की गई और ज़ेब्रा ने सफलतापूर्वक प्रजनन भी किया। यह उपलब्धि इंदौर जू के प्रबंधन की क्षमता और उत्तम देखभाल का प्रमाण है। ज़ेब्रा ब्रीडिंग में सफलता के बाद अब इंदौर जू जिराफ़ प्राप्त करने की पात्रता हासिल कर चुका है। इसका मतलब है कि निकट भविष्य में यहां जिराफ़ जैसे विशाल और दुर्लभ प्राणी को भी देखा जा सकेगा।

भविष्य की योजनाएँ और नए आकर्षण

महापौर पुष्यमित्र भार्गव और जू टीम ने नए आए बायसन का औपचारिक स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने जानकारी दी कि इंदौर जू को आने वाले समय में एक और बड़ा तोहफ़ा मिलने वाला है। यहाँ जल्द ही सेंट्रल इंडिया का सबसे आकर्षक और आधुनिक एक्वेरियम स्थापित किया जाएगा। यह एक्वेरियम इंदौरवासियों और पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव होगा और इंदौर जू को राष्ट्रीय स्तर पर एक खास पहचान दिलाएगा।