इंदौर का बीआरटीएस सफर थमेगा, 12 साल बाद बुधवार से होगी तोड़फोड़ की शुरुआत

कभी अहमदाबाद के बाद देश का दूसरा सबसे सफल बीआरटीएस प्रोजेक्ट कहे जाने वाले इंदौर के बीआरटीएस को आखिरकार हटाने का रास्ता साफ हो गया है। शुक्रवार को हुई महापौर परिषद (एमआईसी) की बैठक में बिना किसी विरोध के इसे तोड़ने के प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लग गई। अब एक अक्टूबर से तोड़ने की कार्रवाई शुरू होगी।

ढाई करोड़ की राशि निगम को, तीन एजेंसियां करेंगी काम

बीआरटीएस को तोड़ने की जिम्मेदारी एक एजेंसी को दी गई है, जबकि मार्ग पर डिवाइडर बनाने का काम तीन अलग-अलग एजेंसियां करेंगी। बीआरटीएस तोड़ने वाली कंपनी नगर निगम को लगभग 2.5 करोड़ रुपये की राशि भी देगी। यानी जहां एक ओर पुरानी संरचना हटेगी, वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक प्रबंधन के लिए डिवाइडर निर्माण भी साथ-साथ शुरू होगा।

12 साल बाद खत्म होगा सफर, विवादों ने नहीं छोड़ा पीछा

इंदौर का बीआरटीएस सफर करीब 12 वर्षों का रहा। इसकी शुरुआत 10 मई 2013 को निरंजनपुर से राजीव गांधी चौराहा तक 11.47 किलोमीटर लंबे मार्ग पर हुई थी। शुरुआत से ही यह प्रोजेक्ट विवादों में रहा और इसे लेकर मप्र हाईकोर्ट में दो जनहित याचिकाएं भी दायर की गई थीं। अंततः 27 फरवरी 2025 को हाईकोर्ट ने बीआरटीएस हटाने की अनुमति दे दी थी।

300 करोड़ की लागत का प्रोजेक्ट, लेकिन जनता को नहीं मिली राहत

बीआरटीएस प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत करीब 90 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन यह बढ़कर 300 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। इतने बड़े खर्च के बावजूद इस परियोजना से यातायात व्यवस्था को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाया। अब इसे पूरी तरह हटाकर डिवाइडर और नई बस स्टैंड प्रणाली विकसित करने की योजना पर काम होगा।

डिवाइडर पर होगा ग्रीन इनोवेशन, पौधों को पाइपलाइन से मिलेगा पानी

बीआरटीएस हटने के बाद जो डिवाइडर बनाए जाएंगे, उनमें खास नवाचार की तैयारी की गई है। डिवाइडरों में पौधारोपण किया जाएगा और इनके लिए विशेष पाइपलाइन बिछाई जाएगी। एक बटन दबाते ही पूरे 11 किलोमीटर लंबे मार्ग में लगे पौधों तक पानी पहुंच जाएगा।

21 बस स्टैंड और 14 चौराहे वाला मार्ग अब होगा नया रूप

बीआरटीएस मार्ग पर फिलहाल 21 बस स्टैंड और 14 क्रॉस चौराहे हैं। हर 500 मीटर की दूरी पर एक बस स्टॉप बनाया गया था। अब इस पूरे मार्ग को नए सिरे से विकसित किया जाएगा और करीब 40 नए बस स्टैंड बनाने की योजना है।

निगम को होगा 12 करोड़ का खर्च, यातायात सुचारू रखने की योजना

नगर निगम ने बीआरटीएस तोड़ने और डिवाइडर बनाने का बजट भी तय कर लिया है। करीब 12 करोड़ रुपये का खर्च डिवाइडर निर्माण पर आएगा। एमआईसी की बैठक में 2 करोड़ 55 लाख 56 हजार 860 रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के अनुसार, काम इस तरह किया जाएगा कि यातायात पर न्यूनतम असर पड़े।