इंदौर की स्वच्छता गाथा : गुमनाम नायकों को मिला सम्मान

इंदौर ने एक बार पुनः स्वच्छता सुपर लीग में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपनी अद्वितीय प्रतिबद्धता का परचम लहराया है। यह गौरवपूर्ण उपलब्धि केवल आँकड़ों का खेल नहीं, अपितु शहर के प्रत्येक नागरिक और विशेषकर हमारे सफाईकर्मियों के अथक परिश्रम एवं समर्पण का जीवंत प्रमाण है।

ये सफाईकर्मी, जो प्रतिदिन हमारे शहर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने हेतु तत्पर रहते हैं, उनकी निस्वार्थ सेवा ही इंदौर की स्वच्छता गाथा का आधार स्तंभ है। उनका समर्पण और त्याग न केवल शहर की स्वच्छता को सुनिश्चित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सच्ची प्रगति सामूहिक प्रयासों से ही संभव होती है।

स्कीम 54, विजयनगर के जी सेक्टर के जागरूक रहवासियों ने इस ऐतिहासिक अवसर पर उन वास्तविक नायकों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया, जिनके बिना यह स्वप्न अधूरा रहता। प्रसिद्ध लेखक एवं यातायात प्रबंधन मित्र राजकुमार जैन तथा एसजीएसआईटीएस की प्रोफेसर अंजना जैन ने इस पहल को आगे बढ़ाते हुए, सुबह सुबह कचरा उठाने घर आए कचरागाड़ी के चालक राहुल एवं सफाईकर्मी पंकज को उनके अनुकरणीय योगदान के लिए सम्मानित किया।

उनकी कठोर परिश्रम, कर्तव्यनिष्ठा एवं सबसे बढ़कर उनके विनम्र व्यवहार को नमन करते हुए उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। यह सम्मान मात्र एक धनराशि नहीं, अपितु कृतज्ञता का प्रतीक था; एक ऐसा भाव जिसने राहुल एवं पंकज जैसे असंख्य सफाईकर्मियों के मनोबल को नवीन ऊँचाइयों पर पहुँचाया।

यह क्षण इंदौर की उस भावना को दर्शाता है जहाँ प्रत्येक छोटे-बड़े योगदान को सराहा जाता है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत इंदौर की यह उपलब्धि संपूर्ण देश के लिए एक प्रेरणा है, जो दर्शाती है कि जब समाज का प्रत्येक वर्ग मिलकर प्रयास करता है, तो असाधारण परिणाम प्राप्त होते हैं। यह उपलब्धि सामाजिक समावेश और समानता के मूल्यों को भी रेखांकित करती है, जहाँ देश की प्रगति में हर व्यक्ति का योगदान मूल्यवान है।

यह सम्मान उन सभी गुमनाम नायकों को समर्पित है, जो प्रति रात और सुबह हमारे शहर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने हेतु तत्पर रहते हैं। उनकी निस्वार्थ सेवा ही इंदौर की स्वच्छता गाथा का आधार स्तंभ है। आइए, हम सब मिलकर स्वच्छता के इस संकल्प को मजबूत करें और अनमोल योगदान को सदा याद रखें।