“आधी आबादी के बिना इंदौर की जीडीपी दोगुनी नहीं हो सकती” – सांसद शंकर लालवानी

लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की न्यायप्रिय, लोकहितकारी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इंदौर में महिला नेतृत्व को आर्थिक विकास की मुख्यधारा में जोड़ने की दिशा में एक अहम पहल हुई। मंगलवार को सांसद शंकर लालवानी ने एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश (AIMP) की महिला सिद्धि (वुमन विंग) के साथ इंदौर 2030: डबल जीडीपी ब्लूप्रिंट पर विचार-विमर्श किया।

यह संवाद पोलोग्राउंड स्थित उद्योग भवन में आयोजित किया गया, जिसमें शहर की प्रमुख महिला उद्यमियों और संगठनों की भागीदारी रही। “विकास का कोई मॉडल महिलाओं की भागीदारी के बिना अधूरा है” – शंकर लालवानी

सांसद शंकर लालवानी ने कहा:

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘विकसित भारत’ के विज़न और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में हम इंदौर को देश के अग्रणी आर्थिक केंद्रों में शामिल करने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। लेकिन जब तक आधी आबादी की हिस्सेदारी सुनिश्च‍ित नहीं होती, तब तक कोई भी विकास मॉडल पूर्ण नहीं हो सकता।”

उन्होंने बताया कि इंदौर की जीडीपी को 2030 तक दोगुना करने के लिए जिन 5 प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस किया गया है उनमें फार्मा और मेडिकल टूरिज्म, इलेक्ट्रिक व्हीकल व ऑटोमोबाइल, आईटी-स्टार्टअप, फूड प्रोसेसिंग और टेक्सटाइल सेक्टर शामिल हैं।

सांसद लालवानी ने कहा, “लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर आज भी न्याय, सशक्तिकरण और दूरदर्शिता की प्रतीक हैं। जब हम इंदौर के भविष्य को गढ़ने की बात करते हैं, तब महिला नेतृत्व उस सोच का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए।”

AIMP महिला विंग ने दिए ठोस सुझाव

इस अवसर पर AIMP वुमन विंग की ओर से अध्यक्ष श्रद्धा गोयल, उपाध्यक्ष डॉ. सुनीता जैन, सचिव स्वाति उडुपी, सह सचिव श्वेता सिसोदिया, कोषाध्यक्ष रूपाली जहागीरदार और अन्य सदस्यों ने सांसद को कई व्यावहारिक सुझाव दिए:

  • महिला उद्यमियों के लिए एक अलग सेक्टर बनाया जाए
  • महिला उद्यमियों के लिए सॉफ्ट लोन और सब्सिडी स्कीम्स लाई जाएं
  • MSME सेक्टर में महिलाओं के लिए स्पेशल इंसेंटिव ज़ोन बनाए जाएं
  • कार्यस्थलों पर महिला कर्मचारियों के लिए सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित हो
  • महिला स्टार्टअप्स को मेंटर्स, इन्क्यूबेशन, और मार्केट एक्सेस मिले
  • महिलाओं के उत्पादों को इंडियन ब्रांड्स के रूप में वैश्विक बाजार से जोड़ा जाए

सांसद लालवानी ने महिला उद्यमियों के लिए इंपोर्ट-एक्सपोर्ट ट्रेनिंग आयोजित करवाने की बात भी कही। साथ ही, लॉजिस्टिक सुविधाओं को बढ़ाने के लिए ठोस योजनाएं साझा की।

यह सिर्फ संवाद नहीं, पॉलिसी निर्माण की प्रक्रिया है

सांसद ने स्पष्ट किया कि “इंदौर 2030” सिर्फ एक विज़न डॉक्यूमेंट नहीं बल्कि एग्जीक्यूटेबल एक्शन प्लान है, जिसमें हर सेक्टर के प्रतिनिधियों से चर्चा कर नीति का खाका तय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में युवाओं, टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स, संस्थानों और समाजसेवियों के साथ भी इसी तरह संवाद होगा।

  • बैठक में मौजूद रहीं प्रमुख महिलाएं और गणमान्यजन
  • AIMP वुमन विंग की श्रद्धा गोयल, डॉ. सुनीता जैन, स्वाति उडुपी, श्वेता सिसोदिया और रूपाली जहागीरदार
  • वरिष्ठ समाजसेवी अनिल भंडारी
  • एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष योगेश मेहता, सचिव तरुण व्यास
  • अर्थशास्त्री जयंतीलाल भंडारी
  • इंदौर की कारोबारी दुनिया से जुड़ी कई अग्रणी महिलाएं