इंदौर के खजराना ब्रिज का लोड टेस्ट में पास हो गया। 24 घंटे तक ब्रिज की भुजा पर 280 टन का बोझ रखा गया। इसके बाद ब्रिज की भारवहन क्षमता को अफसरों ने परखा। यह ब्रिज 280 टन के हिसाब से डिजाइन हुआ है।
अब जल्द ही ब्रिज की 1 भुजा से ट्रैफिक शुरू हो जाएगा। डेढ़ साल पहले इंदौर के खजराना चौराहे पर इस ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ था। ब्रिज पर 50 करोड़ रुपये इंदौर विकास प्राधिकरण ने खर्च किए हैै।
गुरुवार सुबह से ब्रिज का लोड टेस्ट शुरु हुआ। ब्रिज पर पूरा 260 टन वजन रखना था। इसके लिए रेती से भरे डंपरों का इस्तेमाल किया गया। पहले 24% लोड रखकर जांच की गई। फिर धीरे धीरे 50, 75 और 100% लोड ब्रिज पर रखा गया। शु्क्रवार सुबह तक ब्रिज पर 270 वजन लेकर डंपर खड़े रहे।
भार वाहन क्षमता जांचने के लिए ब्रिज के निचले हिस्से में उपकरण लगाए गए थेे। लोड हटाने के लिए भी यहीं प्रक्रिया अपनाई गई। कलर और विद्युत सज्जा में 10 दिन का वक़्त लगेगा। इसके बाद ब्रिज की एक भुजा से आना-जाना शुरू हो जाएगा।
ब्रिज की एप्रोच रोड का काम भी चल रहा है। इस चौराहे से मेट्रो ट्रेक भी गुजर रहा हैै। इस वजह से ब्रिज की दोनो भुजाएं अलग-अलग बनाई गई। मध्य मेें मेट्रो का ट्रेक रखा गया है। ब्रिज की दूसरी भुजा पर 4 महीने के अंदर ट्रैफिक शुरू हो जाएगा। इंदौर के रिंग रोड पर यह चौथा ब्रिज है। रिंग रोड के पालदा, पिपलियाहाना और बंगाली काॅलोनी चौराहे पर ब्रिज बन चुके है।