इंदौर में दीपावली पर राजवाड़ा में लगेंगी परंपरागत रेहड़ी-पटरी दुकानें, महापौर ने दी अनुमति और शुभकामनाएं

इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने दीपावली के अवसर पर शहरवासियों और छोटे व्यापारियों के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। हर साल की तरह इस बार भी राजवाड़ा क्षेत्र सहित शहर के अन्य पारंपरिक बाजारों में रेहड़ी और पटरी दुकानदार अपनी दुकानें लगाते रहेंगे। महापौर ने साफ निर्देश दिए हैं कि दीपावली के इस पावन पर्व पर परंपरागत रूप से लगने वाली दुकानों को किसी भी प्रकार की बाधा या रोक-टोक का सामना नहीं करना पड़ेगा।

महापौर ने कहा कि स्वदेशी दीपावली को आगे बढ़ाने और स्थानीय व्यापारियों को प्रोत्साहन देने के लिए यह जरूरी है कि वे सम्मानपूर्वक अपना व्यवसाय कर सकें। उन्होंने कहा कि दीपावली भारतीय संस्कृति, परंपरा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक त्योहार है। ऐसे में शहर के हर छोटे व्यापारी और रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को भी अपनी जीविका के अवसर मिलना चाहिए। यही कारण है कि राजवाड़ा जैसे पारंपरिक बाजारों में दीपावली की उपयोगी वस्तुएं बेचने वाले सभी दुकानदारों को पूर्ण स्वतंत्रता दी जा रही है।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि दीपावली की भीड़ और बाजार की रौनक के दौरान किसी भी तरह की असुविधा या प्रशासनिक अड़चन नहीं होनी चाहिए। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि बाजारों में स्वच्छता, प्रकाश व्यवस्था और ट्रैफिक प्रबंधन उचित तरीके से बना रहे ताकि खरीदारों को भी किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

उन्होंने यह भी कहा कि रेहड़ी और पटरी व्यवसाय करने वाले छोटे व्यापारी हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं, जो अपनी मेहनत से न केवल आजीविका चलाते हैं बल्कि त्योहारों की रौनक को भी कई गुना बढ़ा देते हैं। इसलिए दीपावली के इस पर्व पर उन्हें पूरे सम्मान और सहयोग के साथ काम करने दिया जाएगा।

अंत में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सभी रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं दीं और कहा कि “स्वदेशी दीपावली” के इस अभियान में शहरवासी स्थानीय उत्पादों की खरीद को प्राथमिकता दें, ताकि छोटे व्यापारियों की दिवाली भी खुशियों से रोशन हो सके।