खुदरा मुद्रास्फीति अभी तक नरमी बरत रही थी मगर खाने-पीने की चीज़ों के भाव एकाएक बढ़ने से जून में यह भी उछल पड़ी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर चलने वाली यह महंगाई जून में 5.08 फीसदी पर पहुंच गई, जो 4 महीने में इसका सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
मगर महंगाई की चोट पर औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों ने कुछ मरहम लगाया है। मई में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक बढ़कर 5.9 फीसदी पर पहुंच गया, जो 7 महीने में इसका सबसे ऊंचा आंकड़ा रहा। इससे पहले अप्रैल का आईआईपी आंकड़ा घटकर 5.4 फीसदी कर दिया गया था।
आईआईपी का पिछला उच्च स्तर अक्टूबर 2023 में 11.9 फीसदी था। राष्ट्रीय सांख्यिकी दफ्तर से कल जारी आंकड़ों के अनुसार जून में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 9.36 फीसदी हो गई, जो मई में 8.69 फीसदी ही थी। इसकी वजह अनाज के भाव में 8.75 फीसदी, फलों में 7.15 फीसदी और सब्जियों की कीमत में 29.32 तेजी आना रहा।
हालांकि दालों की कीमत 16.07 फीसदी ही बढ़ी, जो मई के मुकाबले कम बढ़ोतरी है मगर अब भी इनकी कीमत में इजाफा 2 अंकों में हुआ है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कल ही बताया था कि खुदरा मुद्रास्फीति अब भी 4 फीसदी के लक्ष्य से ऊपर है और ब्याज दरों में कटौती की बात करना अभी जल्दबाजी होगी।