Rishabh Pant: मैनचेस्टर टेस्ट में भारत की संघर्षपूर्ण ड्रॉ के बाद उप-कप्तान ऋषभ पंत ने टीम इंडिया को एक भावुक विदाई संदेश दिया। पंत, जो मैच के दौरान पैर की गंभीर चोट से जूझ रहे थे, ने मैदान पर उतरने की पूरी तैयारी कर ली थी — भले ही वे बैसाखी के सहारे चल रहे थे। हालांकि, पांचवें दिन उनकी बल्लेबाज़ी की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन उनके जज़्बे और समर्पण ने पूरे देश का दिल जीत लिया।
“चलो जीतकर दिखाओ देश के लिए” — Rishabh Pant का संदेश
मैच के बाद पंत ने ड्रेसिंग रूम से विदाई लेते हुए टीम के नाम एक सीधा और प्रेरणादायक संदेश दिया: “मेरी टीम के लिए बस एक ही संदेश है — चलो जीतकर दिखाते हैं, देश के लिए।”
पंत के इस संदेश ने टीम का मनोबल और ऊंचा कर दिया है, जो अब सीरीज़ के निर्णायक मुकाबले की ओर बढ़ रही है।
Rishabh Pant: पहले पारी में निभाई अहम भूमिका
पहले दिन बल्लेबाज़ी के दौरान पंत के पैर के अंगूठे में गंभीर चोट आई थी। इसके बावजूद उन्होंने अगली सुबह मैदान पर उतरने का फैसला किया और 54 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। यह योगदान उस समय और भी अहम साबित हुआ जब भारत मुश्किल में था और हर रन कीमती लग रहा था।
उनकी इस बहादुरी को दर्शकों ने ज़ोरदार तालियों और जयकारों से सराहा। उनके लिए यह पारी सिर्फ रनों का नहीं, बल्कि टीम के लिए समर्पण का प्रतीक थी।
Rishabh Pant: “यह सिर्फ एक इशारा था — टीम पहले”
पंत ने बाद में बताया कि यह पारी उनके लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि टीम की जरूरत थी।
“यह बस मेरी ओर से एक छोटा-सा इशारा था — जो भी करना पड़े, टीम को आगे रखने के लिए। व्यक्तिगत लक्ष्य बाद में आते हैं। टीम जीतती है तो सब कुछ सही लगता है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि देशभर से मिले समर्थन ने उन्हें भावुक कर दिया। “जब पूरा देश आपके पीछे खड़ा होता है, तो उस भावना को शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है। मैं गर्व से कह सकता हूं कि अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है।”
चोट की गंभीरता को देखते हुए पंत अब ओवल में होने वाले अंतिम टेस्ट मैच से बाहर हो गए हैं। भारत को अब उनके बिना मैदान में उतरना होगा, लेकिन उनका जज़्बा और संदेश टीम के साथ रहेगा।