जानिए क्यों है इंसुलिन प्लांट डायबिटीज का नया सुपरहीरो! शुगर लेवल को करेगा जड़ से खत्म, पढ़ें पूरी जानकारी!

Insulin Plant Benefits: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो अगर समय पर कंट्रोल न की जाए, तो शरीर को अंदर से कमजोर बना देती है। यह शरीर की इम्यूनिटी को कम कर देती है, जिससे अन्य बीमारियां भी आसानी से शरीर को घेर सकती हैं। लेकिन राहत की बात यह है कि कुछ प्राकृतिक उपायों से डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है। इन्हीं में से एक है ‘इंसुलिन प्लांट’, जो हाल ही में सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा के एक वीडियो के बाद चर्चा में आया है।

क्या है इंसुलिन प्लांट?

इंसुलिन प्लांट का वैज्ञानिक नाम कोस्टस इग्नेसस (Costus Igneus) है। यह पौधा खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयोगी माना जाता है। इसके पत्तों में क्लोरोजेनिक एसिड नामक एक तत्व पाया जाता है, जो शरीर की कोशिकाओं को ब्लड शुगर (ग्लूकोज) को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने में मदद करता है। साथ ही यह इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है और पैनक्रियास की बीटा कोशिकाओं को हेल्दी रखने में सहायक होता है।

किन लोगों के लिए है फायदेमंद?

पूजा मखीजा के अनुसार यह पौधा न सिर्फ डायबिटीज मरीजों के लिए, बल्कि इंसुलिन रेजिस्टेंस, पीसीओएस (PCOS) और वजन घटाने में दिक्कत झेल रहे लोगों के लिए भी लाभकारी है। यह प्राकृतिक उपाय शरीर के मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाता है और धीरे-धीरे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

कैसे करें इस्तेमाल?

इसका सबसे आसान और असरदार तरीका यह है कि सुबह खाली पेट 1-2 पत्ते चबाकर खाएं। इसके बाद करीब 30 मिनट तक कुछ भी न खाएं। यह प्रक्रिया रोज़ की जाए तो बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। हालांकि अगर आप पहले से डायबिटीज की दवाइयां ले रहे हैं, तो इस पौधे का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें, क्योंकि यह ब्लड शुगर को काफी तेजी से घटा सकता है, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया (शुगर का बहुत कम होना) का खतरा हो सकता है।

जीवनशैली में बदलाव भी जरूरी

पूजा मखीजा का मानना है कि इस पौधे के साथ अगर आप अपनी डाइट बैलेंस रखें, रोजाना थोड़ा व्यायाम करें, तनाव कम करें, अच्छी नींद लें, और पर्याप्त पानी पीएं, तो इसके फायदे कई गुना बढ़ सकते हैं।

कहां मिलेगा यह पौधा?

यह पौधा नीम और तुलसी की तरह ही फायदेमंद है और नर्सरी में आसानी से मिल जाता है। इसे आप घर में गमले में भी उगा सकते हैं। इसे ज्यादा देखरेख की जरूरत नहीं होती और यह जल्दी बढ़ता है।