एकात्म मानव दर्शन में समाज के समन्वय का उद्देश्य रहा: आलोक तिवारी

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर भाजपा जिलाध्यक्ष सहित कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि

शिवनारायण कुरोलिया/अशोकनगर। एकात्म मानव दर्शन में समाज के समन्वय का उद्देश्य रहा, यह बात शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष आलोक तिवारी ने स्थानीय ओम कालोनी स्थित भाजपा जिला कार्यालय पर एकात्म मानव दर्शन के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि पंडित जी की विचारधारा समाज में संघर्ष, टकराव कि नहीं,बल्कि समन्वय की थी, जैसे मन का समन्वय आत्मा से, आत्मा का समन्वय शरीर से, मन बुद्धि आत्मा शरीर यह चार चीजें मिलकर एक व्यक्तित्व बनता है, इसी तरह उन्होंने एकात्म मानव दर्शन में वर्ग संघर्ष के स्थान पर, समाज को एक शरीर की तरह होना चाहिए, जिससे हमारा शरीर इन चारों चीजों मन बुद्धि शरीर और आत्मा के साथ तादात्म रखता है, सामंजस्य रखता है, तभी एक व्यक्ति का शरीर चलता है, उसी तरह समाज में भी आपस में वर्ग संघर्ष के स्थान पर सामंजस्य होना चाहिए।

तब यह समाज चलता है,यह संदेश दिया। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे पैर में कांटा लगा तो मस्तिष्क तरंगों के माध्यम से तुरंत हाथ को संदेश देता है कि पैर में कांटा लगा उसको निकालो, हाथ तुरंत पैर के पास जाता है, कांटा निकाल देता है, ना तो मस्तिष्क में कांटा लगा था ना हाथ में फिर भी मस्तिष्क ने संकेत दिया, हाथ ने कांटा निकाला। मस्तिष्क को तो कांटा नहीं लगाता लेकिन फिर भी उसकी वेदना, उसकी संवेदना, उसका दुख, उसकी तकलीफ किसने महसूस की, मस्तिष्क ने,किसको आदेशित किया हाथ को, किसका कांटा निकालो यही समाज में होना चाहिए, यदि कोई गरीब है, और कोई अमीर है, तो अमीर को चाहिए कि वह गरीब का दुख दूर करें। यानी वर्ग में संघर्ष नहीं, वर्ग सहयोग, समाज में सहयोग, समाज में प्रेम हो, सामंजस्य हो, इसके लिए नया दर्शन प्रतिपादित किया था वह था एकात्म मानव दर्शन, एकात्म यानी जुड़ा हुआ मिला हुआ यूनिफाइड, विघटन नहीं, किसी को मारना नहीं, किसी को खत्म करना नहीं, किसी के अस्तित्व की शून्यता नहीं, सबको साथ लेते हुए जो आज हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चरितार्थ कर रहे हैं, सबका साथ सबका विकास, सबका प्रयास, सबको साथ लेते हुए,

उन्होंने कहा कि शरीर का अगर कोई एक हिस्सा बढ़ जाए, तो उसे हम कैंसर कहते हैं, शरीर का एक हिस्सा अगर अनुपातिक दृष्टि से बढ़ना शुरू हो जाए, उसे हम कैंसर कहते हैं। उसी प्रकार का कैंसर समाज वह होता है जहां बहुतांश मतलब कुछ लोग बड़े होते जाएं, यानी समृद्ध होते जाएं, रात और दिन उनकी समृद्ध था बढ़ती जाए, और बहुत हंस बड़ा हिस्सा गरीब होता जाए। यह भी समाज का कैंसर है इसलिए, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने एकात्म मानववाद का सिद्धांत दिया। आज उनकी पुण्यतिथि पर उनका पुण्य स्मरण करते हुए शत-शत नमन। इस दौरान भाजपा जिला महामंत्री मुकेश कलावत जिला मीडिया प्रभारी डॉ हरवीर सिंह रघुवंशी कार्यालय मंत्री दयाशंकर कुशवाह नगर अध्यक्ष सलिल त्रिपाठी, लखन शर्मा धर्मेंद्र रघुवंशी मोनू रघुवंशी लखन शर्मा अजय सेन राजकुमार रघुवंशी दीपक शर्मा बाबा। डॉन विश्वजीत धाकड़ हेमंत सेन राकेश शर्मा अंकित राजोरिया आदि पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे। मतदान केंद्र क्रमांक 93 सहित जिले भर के सभी 767 बूथों पर हुए कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने पंडित उपाध्याय के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया