संस्था सरोकार का रोचक सर्वे, जनरल नॉलेज में फेल हुए 96 प्रतिशत स्कूली बच्चें

इंदौर‌ शहर के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले नवीं से 12वीं तक के बच्चों का सामान्य ज्ञान शहर में मौजूद देश भक्ति के प्रतीक स्थानों को लेकर कितना है तथा वे अपनी आजादी को कितना जानते हैं, इस जिज्ञासा को लेकर संस्था सरोकार द्वारा एक बहुत ही रोचक सर्वे किया गया। सर्वे में 10 प्रश्न थे, जिनका बच्चों को जवाब देना था। यह खेद का विषय है कि मात्र 4 प्रतिशत छात्र भी इन प्रश्नों का सही जवाब नहीं दे पाए।

सामान्य ज्ञान का गिरता स्तर
सरकारी शिक्षा पर अनाप-शनाप खर्च कर रही है और निजी स्कूल भी अत्यधिक फीस लेकर बच्चों को पढ़ा रही है लेकिन यह सर्वे बताता है कि बच्चे सामान्य ज्ञान के मामले में भी बहुत पीछे की पायदान पर हैं।
स्कूलों के 337 बच्चों ने लिया था भाग
संस्था सरोकार के संयोजक रामस्वरूप मूंदड़ा, अशोक डागा व सर्वेश खंडेलवाल ने बताया कि इस सर्वे में शहर के निजी स्कूलों के 337 बच्चों ने भाग लिया जो नवीं से लेकर 12वीं कक्षा में पढ़ते हैं। सर्वे के प्रथम प्रश्न श्यामाप्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा इंदौर में कहां स्थापित है, का जवाब मात्र दो प्रतिशत बच्चे सही दे पाए। कई बच्चों ने प्रश्न के उत्तर में मुखर्जी नगर और राधा रामनगर भी लिखा है। सर्वे का दूसरा प्रश्न बच्चों के लिए काफी अच्छा रहा और लगभग 93% बच्चों ने इस बात का सही जवाब दिया कि हमारा राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रगान कौन सा है तथा उनके रचयिता कौन है।

आरएनटी मार्ग का फूल फार्म नहीं बता पाए
संस्था के नितिन तापड़िया व सौरभ खंडेलवाल ने बताया कि अधिकतर बच्चों को आरएनटी मार्ग का पूरा नाम भी मालूम नहीं था। हम रोज सड़क के नाम की राजनीति करते हैं लेकिन सड़कों के नामकरण में जिस तरह शॉर्ट फॉर्म का उपयोग किया जाता है उससे नामकरण की उपयोगिता खत्म हो जाती है। मात्र 9% बच्चे ही बता पाए कि आरएनटी मार्ग का पूरा नाम रविंद्रनाथ टैगोर मार्ग है। इंदौर में पद्मश्री से नवाजे गए तीन व्यक्तियों के नाम पूछने पर भी किसी बच्चे ने पूरी तरह सही जवाब नहीं दिया। अधिकतर बच्चों ने लता मंगेशकर,तानसेन और राहत इंदौरी का नाम लिया। आगे चलकर प्रतियोगी परीक्षाओं में जिस तरह सामान्य ज्ञान का अत्यधिक महत्व है उसे देखते हुए छोटी कक्षाओं में सामान्य ज्ञान की अलग से क्लास लगाने की आवश्यकता भी नजर आई।

केट किस महान वैज्ञानिक के नाम पर स्थापित है
संस्था के सहयोगी मनीष बिसानी एवं राजेंद्र असावा ने बताया कि इंदौर में स्थापित केट किस महान वैज्ञानिक के नाम पर स्थापित है इसका जवाब भी मात्र 12% बच्चों ने सही दिया है। कई विद्यार्थियों ने इस प्रश्न के उत्तर में महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के नाम भी लिए हैं। राष्ट्रध्वज के चक्र में कितनी लकीरें हैं शायद पाठ्यक्रम में इस बाबत जानकारी रही होगी जिसके चलते 92% बच्चों ने इसका सही जवाब दिया है। शहर के सबसे पुराने और श्रेष्ठ ओवर ब्रिज, जो कि महात्मा गांधी रोड पर है, उसका नाम किस महापुरुष के नाम पर है, इसका जवाब देने में भी बच्चे बुरी तरह नाकाम रहे। मात्र दो प्रतिशत बच्चे ही बता पाए कि इस ब्रिज का नाम लालबहादुर शास्त्री के नाम पर किया गया है। संजय मानधन्या व देवेंद्र ईनानी ने जानकारी दी कि मात्र 12% बच्चों ने यह जानकारी सही दी कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा इंदौर में गीता भवन चौराहे पर स्थापित है। 11% विद्यार्थी इस प्रश्न का सही जवाब देने में अग्रणी रहे की महू का पूरा नाम क्या है तथा इस शहर का नया नामकरण किस महापुरुष के नाम पर हुआ है।

नंदानगर की स्थापना किस के नाम हुई
सबसे बड़ा अफसोस इस बात का रहा कि एक भी विद्यार्थी यह नहीं बता पाया कि नंदानगर की स्थापना देश के किस महान सपूत के नाम पर की गई है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गुलजारी लाल नंदा के नाम पर स्थापित नंदा नगर आज शहर के समृद्ध इलाकों में शुमार किया जाता है। इस सर्वे ने स्कूलों में चल रही पढ़ाई की पोल खोल कर रख दी है, साथ ही इस सर्वे से शिक्षा के क्षेत्र में नए पाठ्यक्रमों की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है।