Indore में अंतर्राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन: भारत की वैश्विक प्रगति की दिशा में नई रणनीतियाँ

इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित 32वें अंतर्राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन 2025 ने भारत के व्यापार, वित्त, नेतृत्व और वैश्विक विकास पर गहन चर्चा के लिए मंच प्रदान किया। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर, इंदौर में आयोजित इस सम्मेलन में 3,000 से अधिक उद्योग जगत के अग्रणी, उद्यमी, नीति निर्धारक, अर्थशास्त्री, शिक्षाविद् और छात्र शामिल हुए।

सम्मेलन की मुख्य बातें

सम्मेलन का विषय: “उद्यामेना ही सिद्ध्यंती” (स्ट्राइव, ड्राइव और थ्राइव) था, जिसे विशेषज्ञों ने विस्तार से समझाया। डॉ. संदीप आत्रे ने इस विषय पर विशेष ध्यान देते हुए व्यापारिक परिवेश में प्रयास और उपलब्धि के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

भारत 2047 तक बनेगा आर्थिक महाशक्ति

आईआईएम इंदौर के निदेशक और इंदौर प्रबंधन संघ के अध्यक्ष, डॉ. हिमांशु राय ने उद्घाटन भाषण में कहा कि भारत 2047 तक विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और उच्च कुशल कार्यबल को इस लक्ष्य को हासिल करने का प्रमुख घटक बताया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को BANI (अस्थिरता, अप्रत्याशितता, गैर-रेखीयता और अप्रत्यक्षता) चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन दृढ़ परिश्रम और रणनीतिक योजनाओं से सफलता सुनिश्चित होगी।

संघर्ष और अवसरों की पहचान

प्रसिद्ध सर्जन सी. पलानी वेलू ने आत्मप्रेरणा और संघर्ष के महत्व को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने 40 वर्ष की उम्र में चिकित्सा अध्ययन शुरू कर सर्जन बनने का कठिन सफर तय किया। उन्होंने युवाओं से संघर्ष को अवसर में बदलने और भाग्य पर निर्भर न रहने का संदेश दिया।

योग और अर्थव्यवस्था का गहरा संबंध

योग गुरु स्वामी डॉ. महेश योगी, जिन्होंने 1.51 करोड़ कपालभाति करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है, ने बताया कि योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि आर्थिक प्रगति और नैतिक मूल्यों को भी मजबूत करता है। उन्होंने युवाओं को अनुशासन, मेहनत और मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा दी।

टीमवर्क और नवाचार की भूमिका

एसबीआई (भोपाल सर्कल) के सीजीएम चंद्रशेखर शर्मा ने टीमवर्क और समन्वय को सफलता का आधार बताया। उन्होंने सीपीआर (सततता, उत्पादकता और लचीलापन) को दीर्घकालिक विकास की कुंजी के रूप में प्रस्तुत किया। एयर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी राजेश डोगरा ने ‘विहान’ परिवर्तन योजना को भारत की विमानन उद्योग के पुनरुत्थान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

रिटेल और स्टार्टअप सेक्टर का भविष्य

विकास लोहिया ने कहा कि मॉडल शॉप एंड एस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू करने से भारत के रिटेल सेक्टर का आधुनिकीकरण होगा और व्यापार करना आसान होगा। उन्होंने मल्टी-ब्रांड रिटेल में एफडीआई से जुड़े नियमों की सावधानीपूर्वक समीक्षा की आवश्यकता बताई।

डॉ. नितिन मामोडिया ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को आर्थिक और तकनीकी विकास का प्रमुख कारक बताते हुए कहा कि रैपिड कॉमर्स और डिजिटल परिवर्तन भविष्य की आवश्यकता हैं।

उद्योगों में नेतृत्व और तकनीक का प्रभाव

होमलेन के सीईओ श्रीकांत अय्यर ने प्रभावी नेतृत्व के लिए टीम प्रबंधन, पूंजी संतुलन और तकनीकी नवाचार को अपनाने की जरूरत पर जोर दिया। गुलबहार तौरानी ने सफलता के चार प्रमुख स्तंभ बताए: स्पष्टता, प्रासंगिकता, उद्देश्य निर्धारण और स्पष्ट संचार।

समाज और व्यापार का संतुलन

ज्ञानवत्सल स्वामी ने कहा कि केवल सपने देखना पर्याप्त नहीं है, उन्हें पूरा करने के लिए कार्रवाई आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वास्तविक वृद्धि तभी संभव है जब हम दूसरों की मदद करें। उन्होंने साहसिक कदम उठाने, स्पष्ट दृष्टि रखने और नैतिक मूल्यों के पालन पर बल दिया।

यह सम्मेलन भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता, उद्यमशीलता और आर्थिक विकास की संभावनाओं को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ। इसमें व्यापार, वित्त, नेतृत्व और नवाचार से जुड़े विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए, जो भारत को 2047 तक वैश्विक महाशक्ति बनाने में सहायक साबित होंगे।