इंदौर में अंतरराष्ट्रीय योग कॉन्फ्रेंस: विशेषज्ञों ने कहा- ‘पिज्जा-बर्गर छोड़ें, मिलेट्स अपनाएं’

Indore News : हरि ओम योग केंद्र और चोइथराम कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के योग विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग कॉन्फ्रेंस ‘योग संकल्प 2025’ का सफल समापन हुआ। इस सम्मेलन में देश-विदेश से जुटे

विशेषज्ञों ने आधुनिक जीवनशैली से उपजी स्वास्थ्य समस्याओं पर चिंता जताते हुए प्राचीन भारतीय ज्ञान और पारंपरिक खान-पान को अपनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में सांसद श्री शंकर लालवानी और डॉ. ओमानंद गुरु जी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए।

सम्मेलन का मुख्य संदेश ‘मैं से हम तक’ की यात्रा पर केंद्रित रहा, जिसमें व्यक्तिगत हितों को छोड़कर समाज कल्याण के लिए काम करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

‘पंचशाक की जगह पिज्जा-बर्गर ने ली’

कार्यक्रम में वक्ताओं ने प्राचीन भारतीय स्वास्थ्य परंपराओं की उपेक्षा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आज आम लोग स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं क्योंकि हजारों साल पुराने सिद्धांतों को भुला दिया गया है।

“महर्षि पतंजलि, चरक और मुनि श्री घेरंड ने आज से 5 हजार वर्ष पूर्व जो ज्ञान दिया था, उसकी गलत व्याख्या का ही यह दुष्परिणाम है कि आमजन भुक्तभोगी हो रहा है। हठयोग में उल्लेखित पंचशाक का स्थान पिज्जा-बर्गर ने ले लिया है, जिसे आज मिलेट्स (मोटे अनाज) से भरने की महती आवश्यकता है।” — सम्मेलन में वक्ता

देश-विदेश से जुटे 500 से अधिक प्रतिभागी

इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में भारत और विदेशों से 500 से अधिक प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इनमें इटली और फिनलैंड के योग साधकों के साथ-साथ बैंगलोर, नासिक, ठाणे, जयपुर, कोटा, बनारस और दिल्ली के प्रतिनिधि भी शामिल थे। कार्यक्रम की शुरुआत में महिला साधकों और छात्रों द्वारा योग नृत्य, योग आकृति और योग व्यायाम का मनमोहक प्रदर्शन किया गया।

विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर दिए व्याख्यान

सम्मेलन के दूसरे दिन कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। इनमें हार्टफुलनेस के अनुराग मुंद्रा ने ‘माइंड मिस्ट्री’ पर, जयपुर यूनिवर्सिटी के डॉ. सुनील शर्मा, भोपाल की डॉ. विदु शेखर ने ‘प्राणिक हीलिंग’ पर और ‘मिलेट मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से मशहूर पद्मश्री डॉ. खादर वली ने मिलेट्स के महत्व पर व्याख्यान दिया।

इसके अलावा, कोटा के डॉ. भाविक बंसल और बैंगलोर के डॉ. ए. सुब्रमण्यम ने मस्तिष्क की तरंगों जैसे जटिल विषय पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में डॉ. ईश्वर रेड्डी, डॉ. अपार सौ, निशा जोशी, डॉ. एस. के. यादव और डॉ. लारा शर्मा जैसे अन्य विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे।

प्रतिभागियों का हुआ सम्मान

सम्मेलन के समापन समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। सबसे अधिक डिग्री वाली प्रतिभागी के रूप में डॉ. निशा अग्रवाल को सम्मानित किया गया। पेपर प्रेजेंटेशन में एसबीपीएएसएस योग स्कूल की सुश्री साक्षी जाधव ने गोल्ड मेडल जीता, जबकि चंद्रशेखर तिवारी को प्रथम विजेता घोषित किया गया।

आयोजन अध्यक्ष श्री अश्विनी वर्मा ने स्वागत भाषण दिया और सचिव डॉ. संजय लौंढे ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस आयोजन को भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी (NIN) और इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गनाइजेशन (INO) का भी सहयोग प्राप्त हुआ।