स्वतंत्र समय, कटनी
आईपीएल ( IPL ) सट्टे के लिए बदनाम कटनी के सट्टा बाजार में करोड़ों का कारोबार होने की संभावना जताई जा रही है। इस खेल में कुछ नामचीन सटोरियों का शहर में राज चलता है, जो अनेक वर्षों से इस धंधे में लिप्त हैं। इनका नेक्सेस जबलपुर, इंदौरए, नागपुर और मुंबई से होता हुआ विदेश तक फैला है। बड़े सटोरियों के परों में ताले डालने की हिमाकत कटनी पुलिस कभी नहीं कर पाई। केवल छोटे-मोटे बुकीज को पकडकऱ पीठ थपथपाई जा रही है। माधवनगर और बस स्टैंड चौकी पुलिस ने एक सप्ताह के भीतर क्रिकेट सट्टे के खिलाफ जो कार्यवाहियां की, वे महज उन लोगों तक सीमित रही, जो इस गोरखधंधे के बहुत छोटे किरदार हैं। बड़े नामों के सहारे तो वर्दी खुद मालामाल होती है।
गुमनाम तरीके से चल रहा IPL सट्टे का कारोबार
कटनी में नामी IPL के सटोरियों की कुण्डली पुलिस के पास है, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती, इसकी मुख्य वजह यह है कि शहर में वर्षों से जमे कुछ वर्दीधारी उन्हें पहले ही सचेत कर देते हैं वहीं कुछ राजनेताओं ने इन लोगों को संरक्षण दे रखा है। पुलिस कार्रवाई होने की आहट से सटोरिए अपना घर बदल कर भूमिगत हो जाते हैं। सूत्रोंं के अनुसार इस समय एक दर्जन बड़े बुकीज का पूरे शहर में नेटवर्क फैला हुआ है। इनसे करीब आधा सैंकड़ा सटोरिए जुड़े हुए हैं, जो इन सटोरियों के पास दांव पलटाते हैं। जानकारों के अनुसार कुछ पुरानी जोडिय़ां फिर से अस्तित्व में आ गई हैं और सट्टे के कारोबार में वे पुरानी बुराई भुला बैठे हैं। इस कारोबार को चलाने के लिए कुछ सटोरियों को नेताओं का संरक्षण है तो कुछ पुलिस की सेटिंग के चलते अपना कारोबार चला रहे हैं, वहीं शहर को सट्टे का बड़ा केन्द्र मानकर सतना, भोपाल, जबलपुर आदि जिलों से कुछ सटोरिए यहां आकर गुमनाम तरीके से अपना कारोबार चला रहे हैं। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बाहर से आकर यहां कारोबार करने वाले सटोरियों की जानकारी मिलने पर स्थानीय सटोरिए प्रतिस्पर्धा के चलते उन्हें पकड़वाने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
हाइटेक हो गए सटोरिए
जानकारों के अनुसार सटोरिए इतने हाइटेेक हो गए हैं कि उन्होंने इसका सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है। इसके जरिये कहीं भी बैठकर वे इस कारोबार का संचालन कर सकते हैं और उन्हें बड़ा बुकी मोबाइल पर दिशा-निर्देश देता रहता है। सट्टे के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि सटोरिया जिस क्षेत्र मेंं अपना अड्डा चलाता है, वह उस क्षेत्र के कुछ प्रमुख वर्दीधारियों को बाकायदा हिस्सा पहुंचाता है। इस हिस्से में बड़े से लेकर निचले स्तर के अधिकारी शामिल रहते हैं। वहीं कई बार पैसों को लेकर झंझट होती है और गड़बड़ी होने पर छापा पड़ जाता है। जानकारोंं के अनुसार विश्व कप क्रिकेट टी-20 की शुरूआत होते ही बड़े सटोरियों ने आसपास के जिलोंं में अपना कारोबार जमा लिया था और अब भी उन्हीं अड्डों से आईपीएल मैचों में खाईबाजी कर रहे हैं।
नागपुर से लेते हैं लाइन
शहर के प्रमुख सटोरियों का नागपुर से सीधा सम्पर्क रहता है और वे वहां पर सेटिंंग करके लाइन लेते हैं। इस लाइन पर मैच के दौरान पूरे समय भाव व हर क्षण होने वाले उतार.चढ़ाव की स्थिति का पता चलता है। इसी लाइन से सटोरिए यहां खाईबाजी करने के बाद दांव पलटाते हैं। सूत्रों का कहना है कि कुछ बुकीज का कनेक्शन सीधे दुबई से है, जहां से दुनिया भर में सट्टा संचालित होने की खबर है।
इन इलाकों से संचालन
इस कारोबार से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि क्रिकेट का सट्टा चारों तरफ फैला है। शहर में माधवनगर, नईबस्ती, बस स्टैंड, गुरुनानक वार्ड, बिलैया तलैया सब्जी मंडी सहित अन्य इलाकों में भी कुछ ठिकानों से सट्टे का संचालन किया जा रहा है। आईपीएल शुरू होने के पहले से पुलिस की टीम कुछ प्रमुख सटोरियों पर नजर रखे हुए थी, लेकिन वे शहर से बाहर चले गए। कुछ ने मुंबई, नागपुर की ओर रुख कर लिया है तो एक बड़े सटोरिए के दुबई से पूरा कारोबार संचालित किए जाने की बात सामने आई है। सटोरियों की नजर आईपीएल के फाइनल मैच पर है। आईपीएल में केवल भारत ही नहीं बल्कि क्रिकेट खेलने वाले सभी देशों की नजरें लगी हुई हैं।
शराब और सट्टे का मेल
सूत्रों ने बताया कि कुछ बुकीज ने हाल ही में नीलाम हुई शराब दुकानों पर भी अपना पैसा लगाया है। वहीं कुछ शराब व्यवसायियों के पार्टनर बुकीज के साथ मिलकर सट्टा खिला रहे हैं। चूंकि इन लोगों का पुलिस से मेल.जोल होता हैए इस कारण जब भी उच्चाधिकारी कार्रवाई के निर्देश देते हैंए इन्हें जानकारी मिल जाती है।
युवा पीढ़ी पर असर
सट्टा लगाने वालों में वैसे तो हर उम्र के लोग शामिल हैं, लेकिन सबसे ज्यादा असर युवा पीढ़ी पर है, जो यहां-वहां से पैसों का जुगाड़ कर के आईपीएल का सट्टा खेल रही है। सूत्रों ने बताया कि कई युवा बड़ी रकम हार गए हैं, इनमें से कुछ तो भारी ब्याज पर रकम उठाकर बुकीज को चुका रहे हैं। खबर तो यहां तक है कि कई लोग लाखों में हारे हैं और इनमें से कुछ स्वयं भी सट्टा खिलाने लगे हैं।
बस स्टेण्ड चौकी, कितने अरेस्ट, कितनों को छोड़ा
दो दिन पहले बस स्टेण्ड पुलिस ने 8 से 10 स्टोरियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन चर्चाएं हैं कि मौके पर सेटिंग के बाद 4 सटोरियों को छोड़ दिया गया। कोतवाली पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। रात्रि के 12 बजे के बाद मामले को शांत करने के प्रयास शुरू हो गए और अगले दिन सिर्फ एक सटोरिये को सामने किया गया। किन पुलिस कर्मियों ने इसमें बाजीगरी दिखाई यह जांच का विषय है।
कहां से आई इतनी दौलत
माधवनगर में रहने वाले कुछ ऐसे नाम हैं जो रातों-रात करोड़ों में खेलने लगे। आखिर कुछ सालों में इनके पास इतनी अकूत संपत्ति कहां से आ गई। ऐसा नहीं है कि इन नामों के संबंध में पुलिस को जानकारी नहीं है। पुलिस उनके नाम और ठिकाने भी जानती है लेकिन अब तक इनके ऊपर कोई ठोस कार्यवाही ना होना इनके हौसले बुलंद कर रहा है। माधव नगर निवासी पांच बड़े क्रिकेट सट्टेबाजों को अगर छोड़ दें तो छठवां एक ऐसा नाम भी है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट सट्टेबाजी को लेकर चर्चा में रह चुका है। चर्चा है कि ये सट्टेबाज कुछ साल पहले तक मामूली कर्मचारियों के तौर पर विभिन्न प्राइवेट संस्थानों में काम करते थे। क्रिकेट सट्टा व्यापार में कदम रखने के बाद किस्मत ऐसी पलटी की आज यह करोड़पति लोगों के तौर पर जाने जाते हैं। माधवनगर में सक्रिय युवा क्रिकेट सट्टे की फ्रेंचाइजी लेकर अन्य युवाओं के जरिए ऐप वितरित करते हैं और पूरे नेटवर्क को संचालित करते हैं।
ऑनलाइन सट्टा बाजार के मामले में पुलिस कहती है
जिले में संचालित ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा व्यवसाय को खत्म करने के लिए लगातार जिला पुलिस बल के द्वारा कार्यवाही की जा रही है। अब तक जिन लोगों को भी पकड़ा गया, वह सब मोबाइल ऐप के जरिए क्रिकेट सट्टा खिला रहे थे। जिले में इन सभी ऑनलाइन गेम ऐप की फ्रेंचाइजी किन लोगों ने ले रखी है इसका पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।