Iran ने माना अमेरिका ने दिया बड़ा जख्म, परमाणु स्थल बुरी तरह हुए क्षतिग्रस्त

Iran : ईरान ने बुधवार को स्वीकार किया कि उसके परमाणु ठिकानों को अमेरिकी हमलों से “भारी नुकसान” पहुंचा है। यह बयान उस दावे के कुछ ही दिन बाद आया है, जिसमें ईरान ने कहा था कि 21 जून को अमेरिका और इजरायल के हमलों के बाद उसके परमाणु स्थलों में कोई रेडियोधर्मी संदूषण नहीं हुआ। ईरान ने अब न केवल नुकसान की बात स्वीकारी, बल्कि अमेरिका से मुआवजे की मांग भी की है और संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज करने की धमकी दी है।

हमलों ने Iran को पहुंचाया गंभीर नुकसान

12 दिन तक चले संघर्ष के दौरान अमेरिका ने इजरायल के साथ मिलकर ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर बमबारी की थी। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई ने कहा, “हमारे परमाणु ठिकानों को निश्चित रूप से भारी नुकसान हुआ है।” अल जजीरा के हवाले से यह बयान सामने आया। इसके अलावा, अमेरिका स्थित मैक्सार टेक्नोलॉजीज द्वारा जारी सैटेलाइट तस्वीरों में नतांज और इस्फहान में परमाणु सुविधाओं को हुए नुकसान को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

मुआवजे की मांग, यूएन में शिकायत की धमकी

ईरान के उप विदेश मंत्री सईद खतीबजादेह ने एक लेबनानी समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा, “वाशिंगटन को ईरान की सुविधाओं को हुए नुकसान के लिए मुआवजा देना होगा, अन्यथा तेहरान इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाएगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान और इजरायल के बीच कोई लिखित समझौता नहीं था, जिसमें कोई बाध्यकारी शर्तें शामिल हों। खतीबजादेह ने कहा, “यह सिर्फ इजरायल की ओर से आक्रामकता को रोकने की बात थी।”

ट्रंप का युद्धविराम का दावा और उल्लंघन

मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम करवाया और दोनों पक्षों से इस समझौते का उल्लंघन न करने की अपील की थी। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद इजरायल ने ईरान पर मिसाइल हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने भी जवाबी हमले का आदेश दिया। निराश ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों ने युद्धविराम का उल्लंघन किया, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्धविराम अभी भी लागू है। ट्रंप ने यह भी बताया कि उन्होंने इजरायल से ईरान पर दोबारा बमबारी न करने का अनुरोध किया और सभी इजरायली विमान वापस लौट रहे हैं।

Iran  का बदलता रुख

ईरान का यह नया बयान उसके पिछले दावे से उलट है, जिसमें उसने कहा था कि हमलों से कोई रेडियोधर्मी संदूषण नहीं हुआ। अब नुकसान को स्वीकार करने और मुआवजे की मांग के साथ ईरान ने अपनी स्थिति को और सख्त कर लिया है। यह देखना बाकी है कि इस मामले में संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज होती है या नहीं, और यह क्षेत्रीय तनाव को कैसे प्रभावित करेगा। इस बीच, ट्रंप के युद्धविराम के दावों और हमलों के उल्लंघन ने क्षेत्र में अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है।