स्वतंत्र समय, भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने कहा कि महेश्वर-जानापाव उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना अब लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के नाम से जानी जाएगी। देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती के उपलक्ष में महेश्वर में आयोजित डेस्टिनेशन कैबिनेट और मंडलेश्वर से महेश्वर-जानापाव माइक्रो सिंचाई परियोजना सहित 1042 करोड़ रुपए के निर्माण कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया।
CM Mohan Yadav ने परियोजना का किया शिलान्यास
मुख्यमंत्री ( CM Mohan Yadav ) ने यह बात शुक्रवार को खरगोन जिले के मंडलेश्वर में सिंचाई परियोजना के शिलान्यास के साथ अन्य विकास कार्यों के भूमि-पूजन एवं लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने मंडलेश्वर में 994 करोड़ रुपए के 7 कामों का शिलान्यास और 47.52 करोड़ के 20 कार्यों का लोकार्पण किया। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए ‘ज्ञान पर ध्यान’ के मंत्र को साकार करने की दिशा में कार्य करते हुए गरीब, युवा, महिला और नारी सशक्तिकरण के लिए कृतसंकल्पित होकर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि मंडलेश्वर से 1042.24 करोड़ के 27 कामों का लोकार्पण और शिलान्यास से क्षेत्रवासियों को विकास की अभूतपूर्व सौगात मिली है।
123 गांवों में नर्मदा जल से होगी सिंचाई
मुख्यमंत्री ने बताया कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की 982 करोड़ की महेश्वर-जानापाव उद्वहन सिंचाई परियोजना के पूर्ण होने पर खरगौन जिले की महेश्वर, धार जिले की पीथमपुर एवं इंदौर जिले की महू तहसील के कुल 123 ग्रामों के किसानों के खेत में सिंचाई के लिए नर्मदा का जल पहुंचेगा। इससे इन गांवों के किसानों का कृषि उत्पादन बढ़ेगा और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
एमपी ने देश में सबसे पहले लागू की है ‘ई-समन’ व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने महेश्वर में आयोजित कैबिनेट बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि तीन नए आपराधिक कानून के क्रियान्वयन के अंतर्गत प्रदेश ने देश में सबसे पहले ‘ई-समन’ व्यवस्था लागू की। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा नए आपराधिक कानून के क्रियान्वयन के संबंध में नई दिल्ली में ली गई बैठक में नए कानूनों के क्रियान्वयन की दृष्टि से मप्र की अग्रणी व आदर्श राज्य के रूप में सराहना हुई। इस व्यवस्था से पुलिस बल के समय और संसाधनों की बचत होगी। सीएम ने कहा कि बंदी जेल में विद्यमान क्यूबिक से ही न्यायालयीन प्रक्रिया में शामिल होंगे। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि उन्हें न्यायालय न जाना पड़े। इसी प्रकार चिकित्सकों द्वारा अस्पताल से ही बयान दर्ज कराने की व्यवस्था भी की जा रही है। इन नवाचारों से पुलिस बल को कई प्रक्रियागत कार्यों में सुविधा मिलेगी और पुलिस के लगभग 30 प्रतिशत काम व समय की बचत होगी।