क्या फिर लौट रहा है कोरोना? सिंगापुर और हांगकांग में बढ़ते मामलों ने बढ़ाई भारत की चिंता

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 3 मई को समाप्त सप्ताह में कोविड मामलों की संख्या बढ़कर लगभग 14,200 हो गई, जो पिछले सप्ताह के 11,100 मामलों की तुलना में 28% अधिक है। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में भी करीब 30% की वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह उछाल जनसंख्या में घटती प्रतिरोधक क्षमता और बूस्टर खुराक की कमी, खासकर बुजुर्गों में, का नतीजा हो सकता है।

यहां NB.1.8 और LF.7 जैसे वेरिएंट्स तेजी से फैल रहे हैं, जो पहले के JN.1 वेरिएंट के ही रूपांतर हैं। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ये वेरिएंट्स अब तक के ज्ञात वेरिएंट्स से अधिक खतरनाक नहीं हैं, लेकिन इन पर नियंत्रण बनाए रखना जरूरी है। चिंता की बात यह भी है कि इन वेरिएंट्स के लिए तैयार अपडेटेड वैक्सीन फिलहाल भारत में उपलब्ध नहीं हैं।

हांगकांग भी कोविड के नए उभार से अछूता नहीं है। स्वास्थ्य सुरक्षा केंद्र के अनुसार, वहां संक्रमण का स्तर “काफी उच्च” माना जा रहा है। श्वसन नमूनों की पॉजिटिविटी दर 13.66% तक पहुंच गई है, जो एक महीने पहले 6.21% थी। इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि मई की शुरुआत में सिर्फ एक हफ्ते में 31 लोगों की मौत कोविड से हुई, जो बीते एक साल में सर्वाधिक है।

सीवेज सैंपल में वायरस की मात्रा में भी भारी इजाफा हुआ है, जो शहर में व्यापक सामुदायिक प्रसार का स्पष्ट संकेत है। कोविड से जुड़े अस्पताल विजिट्स और परामर्शों में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है।

सतर्कता बरतने की जरूरत

भारत में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में मानी जा रही है। भारतीय वायरोलॉजिस्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि देश की बड़ी आबादी में प्राकृतिक संक्रमण और वैक्सीनेशन के कारण अच्छी प्रतिरक्षा विकसित हो चुकी है। इसलिए फिलहाल गंभीर लहर की आशंका कम है।

फिर भी विशेषज्ञों ने हल्के संक्रमणों को लेकर चेतावनी दी है, जिनके लक्षण आम सर्दी या फ्लू जैसे हो सकते हैं। खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए सतर्कता बेहद जरूरी मानी जा रही है। डॉक्टरों और हेल्थ एजेंसियों ने जनता को मास्क पहनने, हाथों की स्वच्छता बनाए रखने और भीड़ से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है, खासकर तब जब संक्रमण की दर में इजाफा हो।