भारत के एक्शन के बाद दुनिया में भूचाल ला देने वाली एक नई कूटनीतिक हलचल सामने आई है। चीन, जो अब तक पाकिस्तान का सबसे बड़ा रणनीतिक साझेदार माना जाता था, अब आतंकवाद के मुद्दे पर सख्ती दिखा रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जिया ने न केवल आतंकवाद की कड़ी निंदा की, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताते हुए दोनों से संयम बरतने और शांति बनाए रखने की अपील की।
चीन के हथियार हुए बेबस तो….नजर आई दुरियां
लेकिन इस बयान के पीछे की कहानी कहीं ज्यादा गहरी है। भारत ने जब हाल ही में पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और तगड़ा हमला किया, तो पाकिस्तानी रक्षा प्रणाली – जो चीन से खरीदी गई थी। पूरी तरह फेल हो गई। भारतीय मिसाइलें और ड्रोन पाकिस्तानी एयर डिफेंस को चकमा देकर सीधे अपने लक्ष्य पर जा पहुंचीं। इतना ही नहीं, लाहौर में जिस एयर डिफेंस सिस्टम को सबसे महत्वपूर्ण समझा गया था, उसी पर हवाई हमला हो गया। और सिस्टम कुछ नहीं कर सका! इस करारी शिकस्त के बाद अब पाकिस्तान में बेचैनी है। चीन से खरीदे गए हाई-टेक डिफेंस सिस्टम भारत की ताकत के सामने बेअसर साबित हुए, वहीं जब पाकिस्तान ने पलटवार की कोशिश की तो भारतीय एयर डिफेंस ने उन्हें हवा में ही नेस्तनाबूद कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम के बीच चीन की किरकिरी हो रही है। अब वह खुलकर आतंकवाद की आलोचना कर रहा है, और शांति की दुहाई दे रहा है। क्या यह संकेत है कि ड्रैगन अब अपने पुराने साथी पाकिस्तान से दूरी बना रहा है? या फिर यह सिर्फ वैश्विक दबाव में दी गई एक औपचारिक प्रतिक्रिया है? जो भी हो, चीन का यह बदला हुआ रुख पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है और भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत।