Isha Foundation के खिलाफ जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

स्वतंत्र समय, नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ईशा फाउंडेशन ( Isha Foundation ) के खिलाफ पुलिस जांच के आदेश पर रोक लगा दी है। ईशा फाउंडेशन के फाउंडर सद्गुरु जग्गी वासुदेव हैं। फाउंडेशन के खिलाफ रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।

Isha Foundation मामले की अगली सुनवाई 18 को

ईशा फाउंडेशन ( Isha Foundation ) पर आरोप था कि आश्रम में उनकी बेटियों लता और गीता को बंधक बनाकर रखा गया है। मद्रास हाईकोर्ट ने 30 सितंबर को कहा था कि पुलिस ईशा फाउंडेशन से जुड़े सभी क्रिमिनल केसों की डिटेल पेश करे। अगले दिन 1 अक्टूबर को करीब 150 पुलिसकर्मी आश्रम में जांच करने पहुंचे थे। सद्गुरु ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी।

फैसले से पहले सीजेआई ने दोनों से चेंबर में की चर्चा

उन्होंने कहा कि दोनों लड़कियां 2009 में आश्रम में आई थीं। उस वक्त उनकी उम्र 24 और 27 साल थी। वे अपनी मर्जी से वहां रह रही हैं। उन्होंने बताया कि कल रात से आश्रम में मौजूद पुलिस अब चली गई है। फैसले से पहले सीजेआई चंद्रचूड़ ने दोनों महिला संन्यासियों से अपने चेंबर में चर्चा भी की। इनमें से एक ने कहा कि दोनों ही बहनें अपनी मर्जी से ईशा योग फाउंडेशन में हैं। उनके पिता पिछले 8 सालों से परेशान कर रहे हैं।