ITR Filing: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी है। जिन करदाताओं को इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन या धारा 92ई के तहत रिपोर्ट जमा करनी होती है, उनके लिए ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि अब 30 नवंबर से बढ़ाकर 15 दिसंबर 2024 कर दी गई है। CBDT ने एक आधिकारिक आदेश के माध्यम से यह जानकारी दी, जिसमें बताया गया कि यह परिवर्तन असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए लागू होगा।
Tax देना क्यों जरूरी है?
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना उन व्यक्तियों के लिए आवश्यक है, जिनकी आय आयकर विभाग द्वारा तय की गई सीमा से अधिक है। समय पर टैक्स रिटर्न फाइल करना करदाताओं को पेनल्टी और कानूनी कार्यवाही से बचने में मदद करता है। इसके अलावा, यदि करदाता ने एडवांस टैक्स या TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) के माध्यम से अधिक टैक्स का भुगतान किया है, तो रिटर्न फाइल करके उस अतिरिक्त राशि का रिफंड भी प्राप्त किया जा सकता है। यह न केवल वित्तीय जिम्मेदारी का प्रतीक है, बल्कि करदाताओं को अपनी टैक्स देयताओं को स्पष्ट रखने में मदद करता है।
ITR की आवश्यकता और महत्व
इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग कई व्यावसायिक और व्यक्तिगत परिस्थितियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब कोई व्यक्ति बैंक या एनबीएफसी (Non-Banking Financial Companies) से लोन के लिए आवेदन करता है, तो आमतौर पर इनकम प्रूफ के रूप में ITR की मांग की जाती है। रिटर्न फाइल करना व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता को मजबूत करता है, जिससे लोन, क्रेडिट कार्ड और अन्य वित्तीय उत्पाद प्राप्त करने की संभावना बढ़ जाती है।
ITR Filing का फायदा
रिटर्न फाइल करना करदाताओं को वित्तीय सुरक्षा और कानूनी सहूलियत देता है। यह न केवल करदाता की ईमानदारी और वित्तीय अनुशासन का प्रमाण है, बल्कि भविष्य की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में भी सहायक होता है। ITR फाइलिंग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह व्यक्ति की आय को प्रमाणित करता है और वित्तीय योजनाओं को सुव्यवस्थित रखने में मदद करता है।