इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से यात्री परेशान, बस ऑपरेटरों ने किराए में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की

जबलपुर में हवाई सेवाओं के चरमराने का सीधा असर अब सड़क परिवहन पर भी दिखाई देने लगा है। इंडिगो एयरलाइंस द्वारा लगातार उड़ानें रद्द किए जाने से उत्पन्न संकट का फायदा उठाते हुए निजी बस ऑपरेटरों ने यात्रियों की जेब पर बोझ बढ़ा दिया है। शहर से बाहर जाने वाली बसों के किराए में 10 से 20 प्रतिशत तक की तत्काल वृद्धि कर दी गई है।

त्योहारों और छुट्टियों के इस मौसम में अचानक हुई इस बढ़ोतरी ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हवाई यात्रा का विकल्प बंद होने से मजबूरन यात्रियों को बसों का रुख करना पड़ रहा है, जहां उन्हें अब पहले से अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।

यात्रियों की मजबूरी का उठाया जा रहा फायदा

इंडिगो एयरलाइंस ने हाल ही में जबलपुर से कई प्रमुख शहरों के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं या उनकी संख्या कम कर दी है। इसके चलते दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और इंदौर जैसे शहरों के लिए यात्रा करने वाले लोगों के पास सीमित विकल्प बचे हैं। हवाई यात्रा की अनिश्चितता के बीच, बड़ी संख्या में यात्रियों ने बसों की ओर रुख किया है।

यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए बस ऑपरेटरों ने इसे मुनाफे का अवसर मान लिया है। सामान्य दिनों की तुलना में अब यात्रियों को टिकट के लिए 100 से 200 रुपये तक अधिक चुकाने पड़ रहे हैं। विशेष रूप से लंबी दूरी की वातानुकूलित (AC) बसों और स्लीपर कोचों के किराए में यह उछाल अधिक देखा गया है।

त्योहारी सीजन में दोहरी मार

दीपावली और छठ पूजा जैसे प्रमुख त्योहारों के करीब आते ही यात्रा की मांग अपने चरम पर होती है। ऐसे समय में हवाई सेवाओं का बाधित होना पहले ही एक बड़ा झटका था। अब बस किराए में वृद्धि ने आम आदमी के बजट को बिगाड़ दिया है। कई यात्रियों ने शिकायत की है कि पहले से बुक किए गए टिकटों पर भी कई बार अतिरिक्त शुल्क की मांग की जा रही है या फिर नई बुकिंग के लिए बढ़ी हुई दरें बताई जा रही हैं।

प्रशासन की निगरानी पर सवाल

बस ऑपरेटरों द्वारा मनमाने तरीके से बढ़ाए गए किराए पर फिलहाल प्रशासन की ओर से कोई सख्त कार्रवाई नहीं देखी गई है। यात्रियों का कहना है कि आरटीओ और जिला प्रशासन को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और त्योहारी सीजन में यात्रियों को लूटने से बचाना चाहिए। हवाई अड्डे पर सन्नाटा है, लेकिन बस स्टैंड पर भीड़ बढ़ गई है और अव्यवस्था का माहौल है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हवाई सेवाएं जल्द बहाल नहीं हुईं, तो सड़क परिवहन पर दबाव और बढ़ेगा, जिससे किराए में और वृद्धि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। फिलहाल, जबलपुर के यात्रियों के लिए यात्रा करना न केवल महंगा, बल्कि मानसिक रूप से भी थका देने वाला साबित हो रहा है।