जबलपुर के मदन महल स्टेशन पर भीषण हादसा, मालगाड़ी की चपेट में आने से 1 महिला की मौत, 5 लोग घायल

मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित मदन महल रेलवे स्टेशन पर गुरुवार सुबह एक बड़ा और दर्दनाक हादसा हो गया। प्लेटफॉर्म बदलने के लिए शॉर्टकट अपनाकर पटरी पार कर रहे छह लोगों को एक तेज रफ्तार मालगाड़ी ने अपनी चपेट में ले लिया। इस भीषण टक्कर में एक 60 वर्षीय महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक बच्चे समेत पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

इस घटना के बाद स्टेशन परिसर में चीख-पुकार और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सूचना मिलते ही राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया।

कैसे हुआ यह दर्दनाक हादसा?

जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस वक्त हुआ जब कुछ यात्री प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर खड़ी एक पैसेंजर ट्रेन के नीचे से निकलकर प्लेटफॉर्म नंबर 3 की ओर जा रहे थे। जैसे ही वे बीच की डाउन लाइन पर पहुंचे, इटारसी की ओर से जबलपुर आ रही एक तेज रफ्तार मालगाड़ी ने उन्हें रौंद दिया। रफ्तार इतनी तेज थी कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह सब कुछ पलक झपकते ही हो गया। ट्रेन की टक्कर से लोग हवा में उछलकर दूर जा गिरे।

घायलों और मृतक की पहचान

हादसे में मारी गई महिला की पहचान 60 वर्षीय पार्वती बाई के रूप में हुई है, जो गढ़ाघाट की रहने वाली थीं। पुलिस ने उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

घायलों में 50 वर्षीय रानी बाई, 45 वर्षीय गुड्डी बाई, 25 वर्षीय सोनू बाई, 50 वर्षीय रुक्मणी बाई और एक 8 वर्षीय बच्चा शामिल है। सभी घायलों को तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, कुछ घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है।

शॉर्टकट बना जान का दुश्मन

यह घटना रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों द्वारा सुरक्षा नियमों की घोर अनदेखी के गंभीर परिणामों को उजागर करती है। बताया जा रहा है कि सभी पीड़ित गढ़ाघाट से जबलपुर आए थे और उन्हें प्लेटफॉर्म बदलना था। उन्होंने फुट ओवरब्रिज (FOB) का इस्तेमाल करने के बजाय कुछ मिनट बचाने के लिए पटरियों को पार करने का खतरनाक रास्ता चुना, जो जानलेवा साबित हुआ।

रेलवे प्रशासन लगातार यात्रियों से अपील करता है कि वे प्लेटफॉर्म बदलने के लिए हमेशा फुट ओवरब्रिज का ही इस्तेमाल करें, लेकिन अक्सर लोग समय बचाने के चक्कर में अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं। फिलहाल, जीआरपी पूरे मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या घटना के समय कोई चेतावनी या सायरन बजाया गया था।