जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी को मिला नया नाम, अब महर्षि सुश्रुत आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के रूप में होगी पहचान

मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने ऐतिहासिक घोषणा की कि अब जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर ‘महर्षि सुश्रुत आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय’ रखा जाएगा। उन्होंने यह ऐलान विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह के अवसर पर मंच से किया।
यह नाम परिवर्तन भारतीय चिकित्सा परंपरा और आयुर्विज्ञान के जनक माने जाने वाले महर्षि सुश्रुत को सम्मान देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने 76 छात्रों को किया सम्मानित

‘नेताजी सुभाषचंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र’ स्थित घंटाघर ऑडिटोरियम में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता स्वयं राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने की। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय के 76 उत्कृष्ट छात्रों को गोल्ड मेडल प्रदान किए। कार्यक्रम में कुलपति डॉ. अशोक खंडेलवाल, कुलसचिव पुष्पराज बघेल, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल और राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल भी मंच पर उपस्थित थे। साथ ही समारोह में 32,000 छात्रों की उपाधियाँ मान्य की गईं, जो विश्वविद्यालय के विकास और उपलब्धियों का प्रतीक है।

श्योपुर और सिंगरौली को मिल सकती है मेडिकल कॉलेज की सौगात

इस महत्वपूर्ण समारोह के दौरान उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने एक और बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि श्योपुर और सिंगरौली जिलों में जल्द ही नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की जाएगी, जिससे राज्य के युवाओं को चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक अवसर मिल सकेंगे। यह निर्णय मप्र सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की नीति के तहत लिया जा रहा है।

कार्यक्रम में जबलपुर महापौर जगत बहादुर अन्नू ने मंच से डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि जबलपुर में भी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की स्थापना की जाए। उन्होंने कहा कि यदि जबलपुर को एम्स जैसी सौगात मिलती है तो यह पूरे महाकोशल क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।